Allahabad: क्या आप अपने बैंक एकाउंट से मनी लॉड्रिंग करते हैं? क्या आप अपने एकाउंट का यूज टेरेरिस्ट की फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए पैसा मंगाने के लिए करते हैं? अगर इन दोनों सवालों का जवाब ना है तो फिर बैंक जाकर केवाईसी यानी नो योर कस्टमर फार्म भर दीजिए. क्योंकि अगर आपने यह फार्म नहीं भरा तो फिर आपका एकाउंट चाहे पूरी तरह सही हो लेकिन बैंक आपके एकाउंट को ऐसी ही शंका से देखेगा और आपके एकाउंट से लेनदेन पर ब्रेक लगा देगा. जी हां आरबीआई की गाइड लाइन के बाद सभी प्राइवेट व नेशनलाइज बैंकों ने केवाईसी फार्म भरने को अनिवार्य कर दिया है.

Financial fraud को रोकने के लिए उठाया कदम 

दरअसल, कोबरा पोस्ट पर बैंकों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप और एकाउंट के थू्र विदेशों से पैसा मंगाकर टेरेरिस्ट को फाइनेंशियल सपोर्ट के कई मामले सामने आने के बाद आरबीआई द्वारा यह नई कवायद करने के लिए बैंकों को निर्देश दिया गया है। केवाईसी के थू्र बैंक न सिर्फ अपने कस्टमर को जानेंगे बल्कि उनकी आईडी व एड्रेस पू्रफ को अपडेट करेंगे। एसबीआई के एजीएम ने बताया कि केवाईसी फार्म भरने का काम स्टार्ट किया जा चुका है। जिन कस्टमर ने केवाईसी नहीं भरा है उनको बैंक की तरफ से रिमांइड करवाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही इस प्रॉसेस को पूरा कर लिया जाएगा. 

Automatic लग जाएगा account पर break

इलाहाबाद बैंक के ऑफिसर मदन उपाध्याय ने बताया कि केवाईसी भरने की लास्ट डेट एनाउंस नहीं की गई है। लेकिन आरबीआई ने निर्देश दिया है कि जून तक सभी कस्टमर से केवाईसी फार्म को हर हाल में अपडेट कर लिया जाए। क्योंकि उसके बाद कभी भी लास्ट डेट डिक्लेयर हो गई तो फिर आटोमेटिक ही सर्वर के थू्र एकाउंट में ब्रेक लग जाएगा। एकाउंट ओपेन करते ही यह क्लीयर हो जाएगा कि फलां कस्टमर ने केवाईसी की फार्मेलिटी को पूरा नहीं किया है। ऐसी कंडीशन में कस्टमर को काफी परेशान होना पड़ सकता है। इसीलिए बैंक द्वारा युद्ध स्तर पर कस्टमर का केवाईसी फार्म भरवाकर उसका आईडेंटिफिकेटशन अपडेट करने का काम किया जा रहा है. 

हजारों account की नहीं है बैंक के पास details

नेशनलाइज बैंक के सोर्स ने बताया कि आईडी, एड्रेस पू्रफ जैसी चीजों को हाल ही के कुछ वर्षों में एकाउंट खुलवाने के लिए अनिवार्य किया गया है। जबकि इससे पहले इस तरह के कागजात की अनिवार्यता नहीं थी। यही कारण है कि सौ साल से भी ज्यादा पुराने एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, पीएनबी जैसे दर्जनों बैंक में ऐसे भी कस्टमर्स हैं जिनका सिर्फ नाम बैंक के पास मौजूद रिकार्ड में उपलब्ध है। ऐसे कस्टमर की आईडी व एड्रेस प्रूफ तक बैंक के रिकार्ड में नहीं है। केवाईसी फार्म भरने के बाद बैंक के पास एक बार अपने कस्टमर का सही डाटा उपलब्ध हो जाएगा. 

What is KYC ?

केवाईसी यानी नो योर कस्टमर। बैंक द्वारा इसमें एक फार्म उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें कस्टमर को कुछ जरूरी डिटेल्स भरनी होती है। इसके साथ ही लेटेस्ट आईडी व एड्रेस पू्रफ की कॉपी को भी इसमें लगाया जाएगा। फार्म में उपलब्ध डाटा को बैंक द्वारा उस कस्टमर के एकाउंट के डाटा रिकार्ड में फीड कर दिया जाएगा। आरबीआई द्वारा केवाईसी को अनिवार्य करने के बाद बैंकों द्वारा हर एकाउंट में एक स्पेशल फीचर कनेक्ट किया गया है, जिसको केवाईसी कहा जाता है। डाटा फीड होने के बाद एकाउंट के मास्टर रिकार्ड में यह अपडेट हो जाएगा. 

-क्यों पड़ी KYC की जरूरत? 

-कस्टमर की आईडी और एड्रेस प्रूफ को दोबारा लेने के पीछे आरबीआई का निर्देश है। आरबीआई द्वारा इस निर्देश को देने के कई कारण बताए जा रहे हैं. 

-बैंक एकाउंट के थू्र मनी लॉन्ड्रिंग का खेल खेला जा रहा है। आरबीआई को इसकी सैकड़ों कम्प्लेंट मिली व जांच में भी पुष्टि हुई है. 

-कई एकाउंट होल्डर द्वारा फर्जी नाम से खोले गए एकाउंट में पैसा मंगाकर टेरेरिस्ट की फाइनेंशियल हेल्प का मामला भी सामने आया है. 

-150 सौ साल से ज्यादा पुरानी बैकिंग में हजारों की तादाद में ऐसे कस्टमर हैं जिनका वास्तविक व पूरा रिकार्ड बैंक के पास मौजूद नहीं है. 

-बैंक में एकाउंट खुलवाने के वक्त दिए गए पू्रफ व कस्टमर के वर्तमान एड्रेस पू्रफ में अंतर आ चुका है। केवाईसी से यह अपडेट हो जाएगा. 

-बैंकों में लाखों की तादाद में ऐसे एकाउंट हैं जो सालों से साइलेंट मोड में हैं। उनमें लेने-देन नहीं हो रहा है। ऐसे में केवाईसी के थू्र बैंक भी सही स्थिति का आकलन कर पाएगा. 

 

Report by-Abhishek Srivastava

 

Posted By: Inextlive