आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाक़ात की.


उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में केजरीवाल ने कई मुद्दों का उल्लेख कर इन पर दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं से स्पष्ट राय मांगी है. इनमें विधायकों और पार्षदों का फंड रद्द करने का मुद्दा भी है.केजरीवाल ने कहा है कि यदि कांग्रेस और भाजपा अपने कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की जाँच करवाने के लिए तैयार होते हैं तो हम उनका समर्थन लेने के लिए तैयार हैं.


केजरीवाल ने नजीब जंग से मुलाक़ात के बाद एक प्रैस वार्ता में कहा, "कांग्रेस ने बिना शर्त और बीजेपी ने मुद्दों पर आधारित समर्थन देने की बात कही है. लेकिन कोई भी समर्थन बिना शर्त के नहीं होता. हम यह जानना चाहते हैं कि इन दोनों पार्टियों की मंशा क्या है. इसलिए हमने इन्हें पत्र लिखकर 17-18 मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट करने के लिए कहा है."केजरीवाल ने उपराज्यपाल से सरकार बनाने के लिए दस दिन का वक़्त मांगा है. केजरीवाल ने कहा है कि वह जनता से राय लेकर सरकार बनाएंगे.

केजरीवाल ने कहा, "हम राजनीति में सत्ता हासिल करने या सीएम बनने के लिए नहीं आए. हम आम आदमी हैं. महंगई और भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं. हम इन मुद्दों को ख़त्म करने आए हैं."

'इश्क, गेम और राजनीति'इससे पहले शुक्रवार शाम कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की चिट्ठी उप राज्यपाल को भेजी है.कांग्रेस ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि आम आदमी पार्टी सरकार बनाए और जनता से किए गए अपने वादे पूरे करे. पार्टी ने समर्थन के लिए कोई शर्त नहीं रखी है.कांग्रेस के समर्थन पत्र पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इससे आश्चर्य हुआ है. वे कांग्रेस के समर्थन करने की असल मंशा को जानना चाहते हैं.दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिल पाने के कारण उप राज्यपाल ने पहले सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. हालांकि बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया.दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के पास 32 (अकाली दल की एक सीट सहित), आम आदमी पार्टी के पास 28 और कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं. जनता दल यूनाइटेड का एक विधायक जीता है और एक विधायक निर्दलीय है.बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से इनकार करने के बाद अब नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया है.
इससे पहले शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कई दौर की बैठकें की. बैठक में दिल्ली में सरकार बनाने पर विचार किया गया.बीजेपी के सरकार न बनाने के बाद आम आदमी पार्टी ने सभी विकल्पों पर विचार किया है. पार्टी के स्वयंसेवकों से भी सरकार बनाने के बारे में राय ली गई है.इससे पहले शुक्रवार को जारी एक बयान में पार्टी ने दोहराया था कि वे न किसी पार्टी से समर्थन लेंगे और न ही किसी पार्टी को समर्थन देंगे.सरकार के गठन को लेकर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी की कई बैठकें हुईं. हालाँकि बैठकों के बाद अंतिम फ़ैसला अरविंद केजरीवाल पर छोड़ दिया गया है.इससे पहले बैठक के बाद पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया, "इश्क, गेम और राजनीति बिना शर्त के नहीं होते."अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाक़ात में दस दिन का वक़्त मांगने के बाद अब एक बार फिर सवाल वही रह गया है क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम बनेंगे?

Posted By: Subhesh Sharma