केन्याई अदालत ने गुरुवार को एक पुलिसकर्मी को 15 साल की जेल की सजा सुनाई है। इस पुलिसवाले ने साल 2013 में एक ऐसे व्यक्ति को जान से मार दिया था जिसपर मोबाइल चोरी का आरोप था. इस मामले में अदालत ने उसे दोषी करार दिया है। बता दें कि यह इंडिपेंडेंट पुलिस वाचडॉग नाम की एक संस्था के लिए बहुत बड़ी जीत है। इसी ने पुलिसवाले के खिलाफ केस तैयार किया था।


पुलिसवाले पर ये था आरोपनैरोबी (रायटर्स)। इंडिपेंडेंट पुलिस वाचडॉग ने टाइटस मुसिला नाम के पुलिसवाले पर यह आरोप लगाया था कि उसने केनेथ मवांगी नाम के व्यक्ति को मोबाइल चोर के शक में गिरफ्तार करने की बजाय उसके सिर में तीन गोलियां मार दी थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में टाइटस को 15 साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि 'यह उन पुलिसवालों के लिए चेतावनी है, जो पब्लिक के खिलाफ अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं।' खैर, कोर्ट में दोषी पाए गए मुसिला के वकील ने कहा है कि 'वो ऊपर की कोर्ट में इस मामले को लेकर अपील करेंगे।'शिकायत दर्ज कराने के बाद शुरू हुई थी जांच
बता दें कि वाचडॉग ने मवांगी की मौत की जांच तब से शुरू की थी, जब उसके रिश्तेदारों ने पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि गुरुवार को टाइटस को सजा सुनाये जाने के बाद पुलिस के प्रवक्ता चार्ल्स ओविनो का इस मामले पर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। पुलिसवालों का आरोप सिद्ध नहीं होता


2007 में आयोजित विवादित राष्ट्रपति चुनाव के हिंसक परिणाम में दर्जनों प्रदर्शनकारियों की मौत के लिए पुलिस को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद साल 2011 में सरकार द्वारा पुलिसवालों पर निगरानी रखने के लिए वाचडॉग नाम की एक संस्था का गठन किया गया था। यह संस्था केन्या में उन पुलिसवालों पर नकेल कसती है, जो पब्लिक के खिलाफ अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि केन्याई पुलिस वहां के नागरिकों के साथ लगातार क्रूरता से पेश आती है। यहां तक कि आये दिन पुलिसवालों पर कई नागरिकों के हत्या का आरोप भी लगता है, लेकिन उनका यह आरोप कोर्ट में कभी सिद्ध नहीं हो पाता है।

Posted By: Mukul Kumar