केरल में बाढ़ का फायदा लेने में जुटे जमाखोर
कमोडिटी मार्केट ने आसमान पर चढ़ा दिया मसालों का दाम
बाजार में जमाखोरी के साथ मसालों का रेट बढ़ाने का खेल शुरू ALLAHABAD: इस समय बाढ़ की विभीषिका झेल रहा केरल प्राकृतिक संपदा के साथ ही मसालों के लिए पूरे भारत में फेमस है। वहां से देश के हर राज्य में करोड़ों-अरबों का व्यापार होता है। बाढ़ के कारण केरल से मसालों का बिजनेस इस समय प्रभावित हो रहा है। इस बीच कमोडिटी मार्केट के साथ ही जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। इससे मसालों का भाव आसमान पर चढ़ गया है। माल आना लगभग बंद देश के अन्य मंडियों की तरह इलाहाबाद के किराना मंडी में भी केरल से बडे पैमाने पर मसाला आता है। वहां से लौंग, इलायची, काली मिर्च, जायफल, दालचीनी, जावित्री, रामपत्रि आदि आते हैं। इस समय इनकी आवक लगभग बंद है। पिछले एक महीने से माल नहीं आने से व्यापारी परेशान हैं।आवक घटी तो चढ़ा रेट
मसालों की आवक कम होने से भाव में जबर्दस्त उछाल है। कमोडिटी मार्केट के साथ ही थोक किराना बाजार ने एक सप्ताह के अंदर जावित्री, लौंग, जायफल, छोटी इलायची, सोंठ, काली मिर्च का भाव 200 से 300 रुपये किलोग्राम तक बढ़ा दिया है। कमोडिटी मार्केट में 30-35 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से भाव बढ़ रहा है।
ब्रांडेड स्टोर तो और महंगा ब्रांडेड स्टोर में बिक रहे मसालों का दाम तो रिटेल से बहुत ज्यादा है। एक किलोग्राम में 200-300 किलोग्राम का अंतर है। मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने सिविल लाइंस स्थित एक स्टोर में जाकर रियलिटी चेक की तो हकीकत सामने आई। मार्केट रेट बाढ़ से पहले और अब सफेद इलायची 950 रुपये किलो 1300 रुपये किलो हरी इलायची 1300 रुपये किलो 1700 रुपये किलो जायफल 480 रुपये किलो 720 रुपये किलो जावित्री 980 रुपये किलो 1500 रुपये किलो सोंठ 150 रुपये किलो 195 रुपये किलो ब्रांडेड स्टोर का में मंगलवार का रेट जावित्री 2250 रुपये किलो लौंग 2300 रुपये किलो जायफल 1900 रुपये किलो छोटी इलायची 2200 रुपये किलो सोंठ 700 रुपये किलो काली मिर्च 2100 रुपये किलो केरल की बाढ़ का किराना कारोबार पर असर पड़ रहा है। गरम मसाले का अधिकतर आइटम केरल से ही आता है। आने वाले दिनों में मसालों की जबरदस्त कमी होगी। पीयूष अग्रवाल किराना व्यापारी मसालों का भाव ऊपर से तय होता है। व्यापारी तय नहीं करता। जिस रेट पर मसाला आ रहा है, उसी रेट पर बेचना व्यापारियों की मजबूरी है। सचिन केसरवानी मसाला कारोबारीस्थिति बहुत गंभीर है, जो राज्य पूरे देश में मसालों की आपूर्ति करता है, वह संकट में है। ऐसे में अगर कोई व्यापारी मसालों की जमाखोरी कर रेट बढ़ाता है तो यह पूरी तरह से गलत है। ऐसे व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
महेंद्र गोयल प्रदेश अध्यक्ष, कैट