-मडि़यांव के सेक्टर ए, सीतापुर रोड योजना से संडे शाम को रहस्यमय हालात में लापता हो गया था केशव

-पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर गुपचुप ढंग से कर रही थी तलाश

-संडे रात को ही किडनैपर्स ने उतार दिया था मौत के घाट

-फोन कर पिता से मांग रहे थे 10 लाख रुपये की फिरौती

LUCKNOW: वह घर में सबका दुलारा थाउसकी नटखट शरारतें घर में रौनक का सबब थींउसकी एक आह भी पूरे घर को विचलित कर देती थीपर, रुपये के लालच ने मासूम केशव की चाची निधि को इस कदर हैवान बना डाला कि उसने अपने आशिक के संग मिलकर उसकी किडनैपिंग की साजिश रच डाली। संडे शाम को घर के सामने खेलते समय केशव की किडनैपिंग से शुरु हुई यह साजिश कुछ घंटों बाद उसकी मौत पर जाकर थमी। हालांकि, मासूम की दरिंदगी से हत्या करने के बाद भी किडनैपर्स ने फिरौती की मांग बरकरार रखी। बेटे की सकुशल वापसी के लिये नेत्रहीन पिता ने उनकी मांग मान ली और फिरौती देने के लिये निकल भी पड़ा। पर, फिरौती की रकम वह उन तक पहुंचा पाता इससे पहले ही केशव की तलाश में जुटी पुलिस ने एक किडनैपर को दबोचकर पूरी साजिश से पर्दा उठा दिया। जिसके बाद पुलिस ने इस तीन युवकों और दो महिलाओं को अरेस्ट करते हुए केशव के शरीर के जानवरों से बचे कुछ हिस्से भी बरामद कर लिये हैं। मासूम केशव का यह हश्र देख हर किसी के मुंह से बरबस यही निकला कि 'आखिर केशव का कुसूर क्या था?

दादी संग पड़ोस में कथा में गया था

दादी संग गया था

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में चतुर्थ श्रेणी इंप्लाई राजीव शुक्ला मडि़यांव के सीतापुर रोड स्थित सेक्टर ए में वाइफ मिथिलेश, बेटे मनीष शुक्ला, छोटे बेटे आशीष, बहू सरिता, पोते केशव (5) व राघव (1) के साथ रहते है। पिता राजीव के साथ ही मनीष और आशीष भी नेत्रहीन हैं। संडे शाम उनके पड़ोस में सत्यनारायण कथा आयोजित की गई थी। इस कथा में शरीक होने मिथिलेश अपने पोते केशव के संग गई थीं। वहां पहुंचने पर केशव कुछ देर तक तो उनके पास बैठा रहा लेकिन, उसके बाद वह खेलने के लिये बाहर निकल गया।

नहीं पहुंचा घर

मिथिलेश के मुताबिक, कुछ देर बाद उन्होंने घर के बाहर झांक कर देखा तो केशव खेल रहा था और उसके हाथ में 10 रुपये का नोट था। मिथिलेश ने उससे पूछा कि यह नोट उसे किसने दिया तो वह मुस्कुरा दिया। कुछ देर बाद कथा खत्म होने पर जब मिथिलेश बाहर निकलीं तो केशव वहां नहीं था। घर पहुंचने पर पता चला कि वह वापस ही नहीं लौटा। जिसके बाद परिजनों ने मडि़यांव पुलिस को इसकी इंफॉर्मेशन दी।

फिरौती में मांगे 10 लाख

एसपी टीजी मनीराम सिंह के मुताबिक, परिवारीजन और पुलिस केशव की तलाश में जुटी थी। इसी बीच मंगलवार सुबह केशव के पिता मनीष शुक्ल के मोबाइल पर अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने पंजाबी लहजे में बोलते हुए कहा कि केशव उनके कब्जे में है, अगर वह उसकी सुरक्षित वापसी चाहते हैं तो 10 लाख रुपये की फिरौती तैयार रखें। फिरौती की यह रकम कब और कहां देनी है, यह उन्हें बाद में बता दिया जाएगा। इसके बाद मोबाइल फोन स्विचऑफ हो गया। मनीष ने फौरन पुलिस को इसकी इंफॉर्मेशन दी। फिरौती की बात सामने आते ही पुलिस के होश उड़ गए।

सर्विलांस से मिला सुराग

आनन-फानन सर्विलांस सेल के प्रभारी एसआई धीरेंद्र कुमार शुक्ला और उनकी टीम को किडनैपर के नंबर की पड़ताल में जुटाया गया। जब टीम ने उस नंबर की लोकेशन खंगाली तो वे दंग रह गए। दरअसल, किडनैपर ने जिस वक्त फिरौती के लिये कॉल की तो वह मनीष के घर के करीब ही मौजूद था। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम को भरोसा हो गया कि किडनैपर बाहरी नहीं बल्कि मनीष के परिवार का परिचित है। टीम ने उस नंबर की निगरानी शुरू की। शाम को एक बार फिर मनीष के मोबाइल पर किडनैपर की कॉल आई। इस बार कॉलर ने फिरौती की रकम तैयार होने के बारे में पूछा। मनीष ने उसे बताया कि वह 6 लाख रुपये का ही इंतजाम कर पाया है। यह सुनने के बाद किडनैपर वह 6 लाख रुपये लेने को तैयार हो गया। उसने मनीष से कहा कि फिरौती की रकम वह पंजाब में लेगा। इतना कहने के बाद एक बार फिर किडनैपर ने कॉल काट दी और फोन स्विचऑफ कर लिया। टीम ने इस बार लोकेशन खंगाली तो वह रायबरेली में निकली।

बस टर्मिनल पहुंचने को कहा

एसपी मनीराम ने बताया कि पुलिस टीम ने मनीष शुक्ल के करीब मौजूद रायबरेली से ताल्लुक रखने वालों की जानकारी गुपचुप ढंग से जुटाई। पता चला मनीष के घर में सामने वाले मकान में किराये पर रहने वाला नाबालिग घटना के बाद से गायब है। जबकि, उसके साथ रहने वाला बाराबंकी निवासी यशवंत बच्चे को ढुंढवाने में परिवारीजनों की मदद कर रहा है। जानकारी मिलने पर पुलिस ने यशवंत को कब्जे में ले लिया और उससे सख्त पूछताछ शुरू की। इसी बीच बुधवार शाम पांच बजे एक बार फिर किडनैपर ने मनीष को कॉल किया। इस बार उसने उसे फिरौती की रकम लेकर आलमबाग बस टर्मिनल पहुंचने को कहा। उधर, सर्विलांस सेल की टीम मोबाइल नंबर की निगरानी करते हुए इन्हौना, जगदीशपुर में डेरा डाल चुकी थी। मनीष और सादी वर्दी में सर्विलांस सेल व मडि़यांव पुलिस की टीम आलमबाग बस टर्मिनल पहुंचे।

दो घंटे बाद बोला जगदीशपुर पहुंचो

इधर, पुलिस की सख्त पूछताछ में यशवंत टूट गया और उसने पूरी साजिश पुलिस के सामने बयां कर दी। उसने बताया कि यह पूरी साजिश उसने केशव की चाची निधि शुक्ला के कहने पर रची है। निधि से उसका प्रेम संबंध है। उसने बताया कि केशव को उसका दोस्त कुलदीप शुक्ला और नाबालिग साथी बाइक से महाराजगंज ले गए। जहां संडे रात उसकी हत्या कर दी गई थी। इस पूरी साजिश में निधि के अलावा उसके साथ मनीष के घर किराये पर रहने वाला कुलदीप शुक्ला और रायबरेली के महाराजगंज स्थित रामगांव निवासी नाबालिग किशोर भी शामिल है। जानकारी मिलने पर पुलिस टीम ने यशवंत को भी अपने साथ ले लिया। करीब दो घंटे बाद किडनैपर ने फिर कॉल किया और उससे सुल्तानपुर वाली बस में बैठकर जगदीशपुर पहुंचने को कहा। रास्ते में उसने तीन बार मनीष की लोकेशन पूछी। आखिरी कॉल में मनीष ने उसे बताया कि वह हैदरगढ़ पहुंच चुका है। इस पर कॉल कर रहे किडनैपर ने फोन कंडक्टर को देने को कहा। कंडक्टर को फोन देने पर उसने कहा कि नेत्रहीन मनीष को इन्हौना मोड़ पर उतार देना। यह कॉल करने के बाद किडनैपर खुद भी इन्हौना मोड़ पहुंच गया। जहां पहले से मौजूद सर्विलांस व मडियांव पुलिस की टीम ने उसे दबोच लिया।

मिले केवल शरीर के कुछ अंश और कपड़े

एसपी सिंह ने बताया कि यशवंत के नाबालिग साथी की निशानदेही पर पुलिस टीम ने हैदरगढ़-शिवगढ़ रोड स्थित नहर के किनारे से केशव का शव बरामद करने पहुंची। पर, उसका शव आवारा जानवर क्षत-विक्षत कर चुके थे। पुलिस ने मौके से उसके शरीर की कुछ हड्डियां और उसका जबड़ा बरामद किया। पुलिस ने उसके करीब ही टीशर्ट और नेकर बरामद की। यह कपड़े केशव ने किडनैप किये जाने के वक्त पहन रखे थे। एसपी सिंह ने बताया कि शरीर के बरामद अंश का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इधर, लखनऊ में हरकत में आई मडि़यांव पुलिस ने साजिश की मास्टरमाइंड निधि, कुलदीप शुक्ला को भी अरेस्ट कर लिया।

Posted By: Inextlive