-पुलिस फोर्स में जोश और जज्बा भरने में लगे हैं एसएसपी दीपक कुमार

-पीवीआर में महिला पुलिस वालों को दिखाई गई फिल्म 'मर्दानी

ALLAHABAD: कहते हैं फिल्में समाज का आईना होती हैं। ऐसा इलाहाबाद जिले के पुलिस कप्तान भी मानते हैं। उन्हें पता है कि आज की पुलिसिंग कितनी टफ हो गई है। हर वक्त सजग और चौक्कन्ना रहना पड़ता है। वक्त और हालात को देखते हुए क्विक डिसीजन लेना होता है। खासकर उस वक्त कोई डिसीजन लेना मुश्किल हो जाता है जब ऊपर से पॉलिटिकल प्रेशर हो। ऐसे में अगर पुलिस का हौसला बुलंद हो तो फिर कोई काम मुश्किल नहीं। पुलिसिंग के गुर सिखाने और उन्हें वार्मअप करने के लिए थर्सडे को महिला पुलिस को एसएसपी की ओर पीवीआर में 'मर्दानी फिल्म दिखाई गई। इससे पहले उन्होंने सारे थानेदार व सीओ को सिंघम रिटर्न दिखाई थी।

अपनी पॉवर को समझें

कहने के लिए आज भले ही महिला पुलिस की इलाहाबाद में कमी नहीं है। लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर महिलाएं फ्रंट पर आने से कतराती हैं। न तो कोई थाने का चार्ज चाहता है और ना ही वे क्राइम फ्रंट पर काम करती हैं। महिला सब इंस्पेक्टर भी खुद को सेफ जोन में रखना चाहती हैं। कुछ तो थाने पर भी काम नहीं करना चाहती हैं। वह एसएसपी ऑफिस और कंट्रोल रूम में ड्यूटी करना पसंद करती हैं। पुलिस ऑफिसर मानते हैं कि बस माइंड सेट बदलने की जरूरत है। उन्हें वर्किंग की स्टाइल और वर्तमान में खुद को अपडेट रखने की जरूरत है। रानी मुखर्जी की फिल्म मर्दानी में पुलिस की वर्किंग को स्पेशल तरीके से दिखाया गया है। ऐसे में इन फिल्मों को देखने से महिला कांस्टेबल के अंदर भी हौसला बुलंद होगा।

फ्भ् से ज्यादा लोग

इस फिल्म को देखने के लिए महिला कांस्टेबल, महिला सब इंस्पेक्टर के अलावा कई पुलिस ऑफिसर के फैमिली मेम्बर्स भी पहुंचे थे। करीब फ्भ् महिला पुलिस वालों ने फिल्म को देखा। पुलिस ऑफिसर की मानें तो इस फिल्म का थीम भी बहुत ही प्रभावशाली है। इसमें ग‌र्ल्स के ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे में ब्रीफ किया गया है। किस तरह से कम एज की लड़कियों को गलत धंधे में फंसा दिया जाता है। फिर एज ज्यादा होने के बाद उनसे दूसरे धंधे कराए जाते हैं। महिला होने के कारण उन्हें ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह फिल्म महिला पुलिस के लिए किसी ट्रेनिंग से कम नहीं है।

एक साथ देखी थी सिंघम रिटर्न

कुछ दिन पहले जब अजय देवगन की फिल्म सिंघम रिटर्न रिलीज हुई थी तो सभी थानेदार अपने साथियों और सीओज के साथ मिलकर फिल्म देखी थी। इस दौरान उनके साथ एसएसपी दीपक कुमार राय भी थे। सिंघम रिटर्न फिल्म में भी पुलिस की वर्किंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। उसमें भी यही दिखाया गया है कि अगर कोई ईमानदारी से पुलिसिंग करता है तो उसके कैसे मीडिया, पालिटिक्स और मानवाधिकार का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर कोई सच्चा पुलिस वाला है तो उसकी वर्किंग में कोई बाधा नहीं बन सकता।

Posted By: Inextlive