- पीएम को करना था शिलान्यास, लेकिन लास्ट मिनट में लिस्ट से किया गया कट

- आज पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर में देंगे कई सौगातें, जिसमें रेलवे लोको शेड के साथ ही इलेक्ट्रिफिकेशन को हरी झंडी

GORAKHPUR: गोरखपुर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को बहराइच और सिद्धार्थनगर तक ट्रेन से सफर करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। कपिलवस्तु के साथ ही श्रावस्ती और बलरामपुर जाने के लिए भी अभी उनका सहारा बस ही होगी। खलीलाबाद-बहराइच रूट पर केंद्र सरकार की कैबिनेट ने नई रेल लाइन की मंजूरी तो दे दी, लेकिन रेलगाडि़यों के ट्रैक पर एक बार फिर रोड़ा अटक गया है। इसके लिए पीएमओ से अप्रूवल न मिल पाने की वजह से फिलहाल लोगों को इस ट्रैक के लिए अभी थोड़ा और सब्र करना पड़ेगा।

पीएम को करना था शिलान्यास

240 किमी लंबी इस नई रेललाइन की नींव रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों रखी जानी थी, लेकिन प्रॉसेस पूरी न होने और अब तक टेंडर वगैरा की फॉर्मेल्टी न होने से इस योजना को लिस्ट से बाहर करना पड़ा है। इस शिलान्यास को कैंसिल कर दिया गया है और अब सिर्फ लोको शेड के साथ ही गोरखपुर कैंट से वाल्मिकी नगर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का पीएम के हाथों इनॉगरेशन होगा। इलेक्शन का नोटिफिकेशन होने में महज कुछ दिन ही बचे हैं। ऐसे में इसका शिलान्यास न होने की वजह से कहीं योजना फिर न अटक जाए, इसकी चर्चाएं तेज हो गई है।

2025 तक कंप्लीट होना था काम

नई रेल लाइन (बड़ी लाइन) खलीलाबाद से शुरू होकर मेंहदावल, डुमरियागंज, उतरौला, श्रावस्ती, भिनगा और बहराइच तक बिछाई जानी है। इस रेललाइन को पूरा करने के लिए 2024-25 तक का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए कैबिनेट ने 4940 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित कर दिया है। खलीलाबाद-बहराइच नई रेललाइन का सर्वे पहले ही पूरा हो गया था। एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने रेलवे बोर्ड और मंत्रालय को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर भेज दिया था। जिसे हरी झंडी भी मिल गई, लेकिन बजट न होने की वजह से काम अटक गया है।

टूरिज्म को मिलेगी रफ्तार

नई रेल लाइन से पिछड़ेपन की मार झेल रहे इन इलाकों में जहां टूरिज्म को रफ्तार मिलेगी, तो वहीं तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 115 पिछड़े जिलों में से चार इस महत्वाकांक्षी परियोजना क्षेत्र में शामिल हैं। श्रावस्ती में शोभानाथ मंदिर है। मान्यता है कि तीर्थंकर संभवनाथ की यह जन्म स्थली है, ऐसे में जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। वहीं बलरामपुर के नजदीक तुलसीपुर में मां दुर्गा का प्रसिद्ध देवीपाटन मंदिर है। मान्यता के अनुसार, यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। भिनगा तक रेल लाइन बिछने से पड़ोसी देश नेपाल का सफर भी आसान हो जाएगा।

हाईलाइट्स

दूरी - 240 किमी

लागत - 4940 करोड़

डेडलाइन - 2024-25

इन जिलों को फायदा - बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर

बॉक्स -

दो रूट पर अभी इंतजार

इस रूट का मामला सरकार के पाले में था। लंबे मंथन के बाद आम जनता की परेशानियों और मांग को देखते हुए सरकार ने पिछड़े क्षेत्र में नई रेल लाइन बिछाने के लिए आखिरकार हरी झंडी दे दी। लेकिन सहजनवा-दोहरीघाट 70 किमी और वाया महराजगंज आनंदनगर-घुघली 50 किमी नई रेल लाइन को भी सरकार के रहमो-करम का इंतजार है। इसके लिए भी एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने मंत्रालय को डीपीआर बनाकर भेज दिया दिया है। बस इसको हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

वर्जन

पीएमओ से जैसा निर्देश मिला है, वैसा ही किया जा रहा है। इसका अप्रूवल नहीं मिला है, जिससे अब सिर्फ लोको शेड और इलेक्ट्रिफिकेशन का लोकार्पण ही किया जाएगा।

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive