-लालापुर और बारा में खुलेआम चल रहा है अवैध खनन

-कमिशन के चक्कर में अधिकारी भी बंद कर लेते हैं आंखें

BARA (26 March JNN): गंगा है पर धंधा है। हो भी क्यों न एक हफ्ते के काम में बन जाते हैं लखपति। शासन प्रशासन और हाईकोर्ट के रोक के बावजूद भी खनन का काम यहां पर सरेआम चल रहा है। यमुना के एक घाट पर नहीं बल्कि दर्जनों जगहों पर खनन माफिया आसानी से खनन करा रहे हैं और ट्रकों से माल लेकर बेच रहे हैं। इस धंधे के बारे में संबंधित अधिकारियों को भी पता हैं लेकिन कमीशन के चक्कर में हर विभाग में अपनी आंखें बंद कर रखी है।

यमुना बालू का अवैध खनन

यमुनापार के घूरपुर, लालापुर थाना क्षेत्र में प्रमुख व्यवसाय खनन का है। क्षेत्र के यमुना नदी के सभी खनन पट्टे समाप्त हो चुके हैं और महज सेमरी घाट ही आवंटन हुआ है। लेकिन इन दिनों यमुना नदी में लालापुर थाना क्षेत्र के प्रतापपुर, पण्डुआ, भिलोर, मझियारी, मानपुर एवं घूरपुर थाना क्षेत्र के पालपुर, बादलगंज, इरादतगंज, कंजासा, भीटा, देउरिया, एवं कैनुआ आदि दर्जनों घाटों पर दिन रात सैकड़ों की संख्या में नावों के द्वारा अवैध रूप से यमुना बालू का खनन किया जा रहा है। उक्त मामले की जानकारी खनन विभाग एवं स्थानीय थानों को भी है लेकिन खनन माफियाओं के रसूख एवं चढ़ावे के सामने उनका भी कद बौना हो गया है। चर्चा है कि उक्त बालू खनन से जुड़े लोग खनन माफिया होने के साथ ही जरायम की दुनिया से भी ताल्लुक रखते हैं। जिसके चलते यमुना घाटों पर खनन माफियाओं द्वारा अस्त्र-शस्त्रों का भी भरपूर प्रदर्शन किया जाता है। ऐसे में ग्रामीणों में भय एवं दहशत व्याप्त रहती है। इस तरह से माफिया आसानी से शासन को लाखों रूपये राजस्व की चपत लगा रहे हैं।

प्रति ट्रक पांच हजार रुपए

यमुनापार में यमुना नदी से अवैध खनन के बाद ट्रैक्टरों एवं ट्रकों के माध्यम से यमुना बालू का अवैध रूप से परिवहन भी किया जाता है। जिसके चलते उक्त मार्ग पर पड़ने वाले शंकरगढ़, लालापुर, बारा एवं घूरपुर थाने में अवैध वसूली का लेखा जोखा रखने के लिए भी कुछ कारखास लोगों को तैनात किया जाता है। जिसके बाद उक्त कारखास लोगों के माध्यम से ही खनन माफियाओं द्वारा प्रति ट्रक पांच हजार तो वहीं ट्रैक्टरों से दो हजार रूपये की माहवारी निर्धारित है और यदि किसी ने माहवारी पहुंचाने में लेट लतीफी की तो सबक के तौर पर उक्त वाहनों का चालान कर चेतावनी भी दे दी जाती है और यदि तो हुई फिक्सड डिपाजिट की इसके बाद भी खाकी वर्दी धारी पुलिस कर्मी क्षेत्र के प्रमुख चौराहों एवं स्थानों पर उक्त वाहनों माहवारी के अलावा भी चाय पान के नाम पर ख्00 रूपये की वसूली करते हैं। जिसके लिए उक्त वाहन चालकों व खनन माफियाओं द्वारा कोई विरोध भी नहीं होता।

Posted By: Inextlive