Allahabad : नीली बत्ती लगी गाड़ी. साथ में गार्ड. चार मोबाइल सेट एक साथ और इम्प्रेसिव ड्रेसिंग. यह देखकर कोई भी गच्चा खा जाता उसे आईएएस ऑफिसर समझ लेता. लेकिन आज उसका दिन खराब था. खुद गच्चा खा गया. वह कभी आईएएस तो कभी पीसीएस और कभी एयरफोर्स ऑफिसर्स बनकर बेरोजगारों को सुनहरे भविष्य के सपने बेचता था...


जैसा कस्टमर-वैसी पोस्ट अभी तक आपने सुना होगा, जैसा देश-वैसा भेष। लेकिन, आज हम आपको ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे हैं जो जैसा कस्टमर-वैसी पोस्ट होल्ड करने वाला बनकर काम करता था। इस नटवरलाल को एयरफोर्स पुलिस ने पकड़ा है जो कभी आईएएस, कभी एडीए का समीक्षा अधिकारी, कभी एडिशनल सेक्रेटरी तो कभी स्वास्थ विभाग का सचिव बनकर लोगों को ठगता था। सारा खेल वह नौकरी दिलाने के नाम पर करता था। एक दो नहीं दर्जनों को वह चूना लगा चुका था। वेडनसडे को किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह एयरफोर्स पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यहां उसने दो युवकों को एयरफोर्स में नियुक्ति का लेटर देने के लिए बुलाया था। कैसे किस्मत दे गई दगा?


शशिचंद वेडनसडे को पकड़े गए फ्राड करने वाला गुरू है। उसी ने रोहित व मोहित नामक चचेरे भाइयों को एयरफोर्स में नौकरी दिलाने का वादा किया था। इन दोनों से वह एडवांस के तौर पर 8.50 लाख रुपए गांधी जयंती के दिन वसूल चुका था। वेडनसडे को उसने शेष डेढ़ लाख रुपए लेकर दोनों को बुलाया था। पैसे मिलने पर उसने ओरिजनल ज्वाइनिंग लेटर देने का भरोसा दिलाया था। दोनों को भरोसे में लेने के लिए ज्वाइनिंग लेटर की फोटो काफी पहले ही इन दोनों युवकों को दे दी थी। टेलीफोन पर हुई बातचीत में शशि ने दोनों को एयरफोर्स के पास बुलाया था। किस्मत ने नहीं दिया साथ वादे के मुताबिक रोहित व मोहित डेढ़ लाख रुपए लेकर एयरफोर्स के पास पहुंच गए। दोनों शशि का इंतजार कर रहे थे। काफी देर हो जाने पर दोनों एयरफोर्स के सुरक्षा कर्मियों की नजर में चढ़ गए। उन्होंने दोनों से वहां मौजूदगी का कारण पूछा तो दोनों युवक भी ताव में आ गए। उन लोगों ने सिक्योरिटी जवानो से कहा कि हम भी एयरफोर्स वाले हैं। ज्वाइनिंग लेटर लेने हैं। वाह वाही में दोनों बाबूमोशाय ने ज्वाइनिंग लेटर की फोटो कॉपी को भी एयरफोर्स के सुरक्षा गार्ड को भी दिखा दिया। फिर क्या था, एक नजर देखते ही सिक्योरिटी जवान पूरा मामला समझ गए। उन्होंने एयरफोर्स पुलिस को इसकी सूचना दे दी। डेढ़ लाख तो किसी तरह बचा दो

एयरफोर्स पुलिस ने रोहित व उसके साथी को कस्टडी में ले लिया। पूछा तो उन्होंने पूरा मामला बता दिया। कहा कि दस लाख में दोनों की नौकरी की बात हुई थी। फैमिली ने जमीन बेचकर पैसा अरेंज किया है। एयरफोर्स पुलिस ने बताया कि ज्वाइनिंग लेटर पूरी तरह से फर्जी है। इस तरह का लेटर एयरफोर्स में दिया ही नहीं जाता। यह सुनते ही दोनों के पांव के नीचे से जमीन सरक गर्ई। बाद में एयरफोर्स पुलिस ने कहा कि साढ़े आठ लाख रुपए दे चुके हो, डेढ़ लाख बचा लो वरना यह भी चले जाएंगे। जिसके बाद शशि को पहचानने में एयरफोर्स पुलिस ने दोनों को मदद करने को कहा तो दोनों युवक तैयार हो गए। नीली बत्ती लगाकर पहुंचा था, पहुंचते ही धरा गया दोनो युवकों से टाइअप करके एयरफोर्स पुलिस गेट पर पहुंच गई। थोड़ी ही देर में वहां शशि चंद्र नीली बत्ती लगी बुलेरो से पहुंचा। रोहित ने इशारा किया तो सादी वर्दी में खड़ी एयरफोर्स पुलिस ने उसे दबोच लिया। नटवरलाल शशि ने पहले तो एयरफोर्स पुलिस को भी प्रेशर में लेने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वह डाउन हो गया। तलाशी लेने पर एयरफोर्स पुलिस के भी होश उड़ गए। उसके पास से आधा दर्जन आईएएस व पीसीएस पदों के फर्जी आई कार्ड मिले। चार मोबाइल, एटीएम कार्ड भी मिला। ड्राइवर गया प्रयास व शशि के गार्ड मनीष कुमार को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में इन सभी को धूमनगंज पुलिस को सौंप दिया गया। शुक्र है,  चार और के पैसे बच गए

तलाशी में शशिचंद्र के पास से चार और एप्वाइंटमेंट लेटर बरामद किए गए। इसमें से तीन शिक्षा विभाग और एक स्वास्थ विभाग में भर्ती का था। पूछताछ में बताया कि इन लेटर्स की डिलीवरी भी उसे आज देनी थी। वह जिस विभाग में ज्वाइनिंग के नाम पर पैसा लेता था, उसी का आई कार्ड दिखाता था। नीली बत्ती कार, गार्ड व ड्राइवर देखकर नौकरी के लिए परेशान युवक उसके शिंकजे में आसानी से फंस जाते थे। राजेश सिंह को बता रहा है गैंग का मास्टर शशिचंद्र प्रतापगढ़ का रहने वाला है। उसने बताया कि राजेश सिंह नाम का एक शख्स है वह इस पूरे गैंग को लीड कर रहा है। वहीं बुलेरो गाड़ी के चालक ने बताया कि गाड़ी को हायर किया था। गाड़ी कौशांबी की है। वह गार्ड करेली का रहने वाला युवक बताया जा रहा है। जांच की जिम्मेदारी धूमनगंज पुलिस को मिल गई है। वह यह पता कर रही है कि शशि एंड राजेश सिंह गैंग ने कितने लोगों को अब तक चूना लगा चुकी है।

Posted By: Inextlive