रात के साढ़े आठ बज रहे थे. व्हाइट कलर की स्कॉर्पियो आई. गेट खुला. कुछ लोग उतरे और उसके सीने में गोली ठांय-ठांय. मीठापुर बस स्टैंड में श्री कृष्ण रथ बस के मालिक रविकांत चौधरी के साथ यह खूनी खेल खेला गया. गौरतलब है कि बस स्टैंड में रंगदारी के खिलाफ कई बार इन्होंने आवाज बुलंद की थी. पर क्रिमिनल्स ने उन्हें हमेशा के लिए 'शांत' कर दिया.


अपराधियों ने एक बार फिर पुलिस को चुनौती दे डाली है। मीठापुर बस स्टैण्ड में श्री कृष्ण रथ बस के मालिक रविकांत चौधरी को गोलियों से भून डाला। इसमें एक और व्यक्ति सुरेंद्र के घायल होने की खबर है। उसे इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है। घटना करीब साढ़े आठ बजे रात की है। अपराधियों ने रविकांत को तीन गोली मारी है। वे मौके पर ही ढेर हो गए। जिस वक्त अपराधियों ने हमला किया, वे अपने बस कार्यालय में कुछ लोगों के साथ बैठे थे। इसी दौरान एक व्हाइट कलर की स्कार्पियो गाड़ी से कुछ लोग उतरे और गोली चला दी। रविकांत के सिर और सीने में गोली लगी।मच गई अफरातफरी


जैसे ही रविकांत चौधरी को गोली लगी, पूरे मीठापुर बस स्टैंड में अफरातफरी मच गई। आक्रोशित लोगों ने कई जगहों पर बसें खड़ी कर सड़क जाम कर दी। लोगों ने तोडफ़ोड़ भी किया। घटना की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी शिवदीप लांडे, डीएसपी सदर राशिद जमां, डीएसपी रामाकांत सहित कंकड़बाग, जक्कनपुर, पत्रकार नगर सहित कई थानों की पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस को घटनास्थल से दो खोखे भी मिले हैं। इसके अलावा खून में सना हुआ मोबाइल भी बरामद हुआ है। पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। सिटी एसपी ने पहुंचकर कई लोगों से पूछताछ की। हत्या के कारणों की जांच में पुलिस लग गई है। वैसे देर रात तक घटना के कारण का पता नहीं चल सका था। सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर कातिलों की खोज की जा रही है।विवादों में रहा है स्टैंडरविकांत चौधरी पटना के राजवंशी नगर में रहते थे, जबकि मूल रूप से वे अथमलगोला निवासी थे। उनकी करीब आधा दर्जन बसें पटना-टाटा रूट पर चलती हैं। कृष्णा रथ के कभी मैनेजर रहने वाले रविकांत ने खुद की श्री कृष्ण रथ के नाम से बस चलवाई। इन दिनों कई चीजों को लेकर विवाद में चल रहे थे। पिछले दिनों बस पार्किंग को लेकर हुए विवाद में भी ये बढ़-चढ़ कर विरोध कर रहे थे। इसके अलावा कुछ महीने पहले हुई एक खलासी के मर्डर केस में भी रविकांत ने विरोध किया था। इसके अलावा बस स्टैंड में रंगबाजों की चलती को लेकर भी कई बार सवाल उन्होंने उठाए थे।पैसेंजर्स की हुई फजीहत

रविकांत की हत्या के बाद ही जाने वाली बसें रद्द हो गईं। भगदड़ मचने के बाद कई पैसेंजर्स वहां से लौट गए। कई लोगों को परेशान हालत में अपने सामान ढोते देखा गया। कई लोग अपने रिश्तेदारों और परिचितों को बुलाकर वापस जा रहे थे। देर रात तक वहां की स्थिति विस्फोटक बनी हुई थी।

Posted By: Inextlive