- पिछले 4 माह से बंद है खुशियों की सवारी का संचालन

- केकेएस सेवा की गाडि़यां खड़ी-खड़ी हो रहीं कबाड़

- कई गाडि़यों के टायर फटे, इंजन खराब, डोर जाम

देहरादून,

प्रसव के बाद महिलाओं को घर तक छोड़ने के लिए शुरू की गई खुशियों की सवारी (केकेएस) पिछले 4 माह से ठप है। केकेएस वाहन चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में खड़ी-खड़ी कबाड़ हो रही हैं। इनकी दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। खुले में खड़ी की गईं इन एंबुलेंस के कई पा‌र्ट्स खराब हो गए हैं और टायर भी पंक्चर हो रहे हैं। केकेएस संचालन को लेकर टेंडर प्रक्रिया जारी है, ऐसे में इनका संचालन कब होगा फिलहाल कहा नहीं जा सकता।

फट गए एंबुलेंस के टायर

खुले में लावारिस खड़े कई वाहनों के टायर फट चुके हैं, तो कई के पंक्चर हैं। इन दिनों बारिश का भी दौर जारी है, ऐसे में ये जंग खा रही हैं और इनकी मशीनरी को भी नुकसान पहुंच रहा है। कई गाडि़यों के इंजन में भी खराबी आ चुकी है, कुछ के डोर जाम हो चुके हैं। कबाड़ के ढेर के पास खड़े किए गए ये वाहन खुद भी कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। इस हालत में इन्हें सड़कों पर फिर से दौड़ाना मुश्किल होगा।

2011 से शुरू हुई थी योजना

डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा को फ्री में घर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने खुशियों की सवारी योजना पूरे राज्य में शुरू की थी। 19 सितम्बर 2011 को योजना का इनॉग्रेशन हुआ और किराये के वाहनों के जरिए ये फैसिलिटी महिलाओं को मुहैया कराई गई। इसके बाद 30 मार्च 2013 को किराये के वाहन की जगह सरकार ने अपनी वैन खरीदकर योजना में लगाई, इनकी संख्या अभी प्रदेश भर में 95 है।

4 महीने से ठप है संचालन

शुरुआत से ही केकेएस का संचालन जीवीके ईएमआरआई कर रही थी। लेकिन, हाल ही में जीवीके से 108 इमरजेंसी सेवा के साथ-साथ केकेएस के संचालन का जिम्मा वापस लेकर दूसरी कंपनी कैंप को टेंडर प्रक्रिया के जरिए काम सौंप दिया गया। कैंप 108 इमरजेंसी सर्विस का संचालन तो कर रही है, लेकिन केकेएस के संचालन की स्थिति अभी साफ नहीं हुई है।

जारी है टेंडर प्रक्रिया

स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा पहले तय किया गया कि केकेएस का संचालन सीएमओ ऑफिस स्तर से कराया जाएगा। लेकिन, सीएमओ ऑफिस स्तर से इसके संचालन को लेकर अफसरों ने हाथ खींच लिये। अब इसके संचालन के लिए टेंडर कॉल किए गए हैं। कहा जा रहा है कि जुलाई लास्ट वीक तक किसी कंपनी को केकेएस संचालन का जिम्मा सौंप दिया जाएगा। ऐसे में सभी केकेएस एंबुलेंस को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय कैंपस में लावारिस हाल में खड़ा कर दिया गया।

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केकेएस योजना को इसी माह के अंत में शुरू कर दिया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही सभी वाहन वर्किग मोड में होंगे। खड़े-खड़े अगर वाहनों में कोई खराबी आई तो उसे ठीक कराया जाएगा।

युगल किशोर पंत, अपर सचिव स्वास्थ्य, निदेशक एनएचएम

Posted By: Inextlive