गंगानगर डी ब्लाक में दिन-दहाड़े एसडीएम के पेशकार की पत्नी का हथौड़े से मर्डर कर दिया गया. कातिल शातिर था. उसने मर्डर के बाद निशान भी धो डाले.

- पेशकार की पत्नी का मर्डर कर 88 हजार रुपए लूटे

- हथौड़े से किया कत्ल, फिर पानी से धो दिए निशान

- पुलिस ने की गहरी छानबीन, डॉग स्क्वायड भी फेल

MEERUT : गंगानगर डी ब्लाक में दिन-दहाड़े एसडीएम के पेशकार की पत्नी का हथौड़े से मर्डर कर दिया गया। कातिल शातिर था। उसने मर्डर के बाद निशान भी धो डाले। कातिल कोई बहुत नजदीकी भी था। जो घर के सभी राज जानता था। कत्ल के बाद कातिल रुपए लूटकर ले गया। बिना किसी सामान को इधर-उधर किए। पुलिस आई, छानबीन की, पूछताछ की, डॉग स्क्वायड भी पहुंचा, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।

परिवार का हाल
गंगानगर डी ब्लाक-81 मकान में सुखबीर का परिवार रहता है। सुखबीर एसडीएम, सरधना का पेशकार है। सुखबीर मूल रूप से गढ़क्तेमुश्वर के पास गेंदू नगला का रहने वाला है। उसकी शादी गौतम नगर ब्रह्मपुरी की विमलेश से 18 साल पहले हुई थी। काफी सालों से वह कसेरू बक्सर में परिवार के साथ रह रहा था। एक साल पहले ही वह अपने नए घर डी-ब्लाक में आया। परिवार में दो बेटे हैं। तेरह साल का अभिषेक आठवीं और पंद्रह साल का आशुतोष दसवीं में पढ़ता है।

घर पहुंचा अभिषेक
दोपहर के समय करीब ढाई बजे सुखबीर का छोटा बेटा अभिषेक स्कूल से घर आया। दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर गया तो उसने अपनी मां विमलेश को रसोई में पड़े देखा। अभिषेक ने अपने पापा को मम्मी के बारे में जानकारी दी, कि मम्मी को कुछ हो गया है। सुखबीर घर पहुंचा और उसने पुलिस को सूचना दी।

ये था मर्डर सीन
विमलेश की बॉडी रसोई में पड़ी थी। आलू बिखरे हुए थे। पास में सिलेंडर रखा था। विमलेश के सिर पर साइड से हथौड़े से वार किया गया था। फिर उसके मुंह को हथौड़े से पीटा गया। जब तक उसकी सांसे खत्म नहीं हुई तब तक उसको मारा गया, फिर कातिल ने जाते-जाते रसोई में खून को पानी से धो डाला। हत्या के निशानों पर पानी डाल दिया। हथौड़े को भी धोकर पास में रख दिया। इसके बाद वह दरवाजे से साफ निकलकर फरार हो गया। सुखबीर के अनुसार घर की सेफ में 88 हजार रुपए रखे थे, जिन्हे कातिल लूटकर ले गया।

INVESTIGATION

सोई का सीन
जहां विमलेश की बॉडी पड़ी थी वहां खून नहीं था। पास में एक हथौड़ा था। जो धुला हुआ था। उस हथौड़े पर भी खून नहीं था। विमलेश के कपड़े भीगे हुए थे। उसका एक पैर मुड़ा हुआ था। उसके हाथ की मुट्ठी बंद थी। रसोई में केवल आलू बिखरे हुए थे। सिर के पास में सिलेंडर रखा हुआ था।

आला-ए-कत्ल
कत्ल हथौड़े से किया गया। हथौड़ा पास में पड़ा था, लेकिन उसको पानी से धुला जा चुका था। इस हथौड़े से पहले सिर के दाईं ओर वार किया गया था। फिर विमलेश के मुंह पर लगातार कई वार किए गए। मौका ए वारदात से साफ है, विमलेश पर उस वक्त वार किया गया जब वह खाना बनाने के लिए रसोई में गई थी। कातिल को कत्ल के लिए आला-ए-कत्ल साथ लाने की जरूरत नहीं थी। क्योंकि उसे पता था कि हथौड़ा उस घर में कहां रखा है। उसने हथौड़ा उठाया और फिर वार पर वार किए।

नजदीकी उतरा हैवानियत पर
कत्ल के निशान भले ही पुलिस और डॉग स्क्वायड न खोज पाई हो, लेकिन कत्ल की वारदात चीख-चीख कर कह रही थी। कोई नजदीकी ही उतरा है इस हैवानियत पर। वह जानता था घर के राज। आला-ए-कत्ल के बारे में भी उसको पता था। कातिल अंजान होता तो कत्ल के लिए आला-ए-कत्ल साथ लाता। हत्या करने के बाद खून के निशान क्यों धोकर जाता। कत्ल करने वाला कोई भी हो, पर नजदीकी है।

कुछ कह रहा कत्ल
कत्ल की यह वारदात कातिल की कहानी बयां कर रही है। सुखबीर का कहना है हत्या के बाद लूट हुई। 88 हजार रुपए अलमारी से लूट लिए गए। पुलिस मानें तो लुटेरे ने रुपए बिना किसी चीज को छुए निकाल लिए। उस हत्यारे को पता था कि रुपए सेफ में किताबों के बीच रखे हैं। बिना किसी परेशानी के वह रुपए लेकर चला गया। अलमारी में कुछ हिला ही नही। आखिर वह कौन था। जो यह सबकुछ जानता था।

दो बजे से पहले
सुखबीर के दोनों बेटे सुबह ही अपने-अपने स्कूल चले जाते हैं। आखिर में सुखबीर अपनी ड्यूटी पर जाता है। अगर सुखबीर साढ़े नौ बजे के बाद गया तो मर्डर उसके जाने के बाद और बच्चे के लौटने से पहले हुआ। दस बजे से दो बजे के बीच में मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया।

डॉग स्क्वायड
पुलिस का डॉग स्क्वायड भी कुछ नहीं कर पाया। डॉग टेक्स सूंघता हुआ रसोई से कमरे में आया और बाहरी कमरे के दरवाजे से बाहर निकल गया। बाहर एक खाली प्लाट के बाहर जाकर रुक गया। फिर वह मकान में गया और ऊपर जा रही सीढिय़ों के जरिए छत पर चढ़ गया। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।

वर्जन
कत्ल करने वाला कोई नजदीकी है.  जल्द ही कातिल पुलिस की गिरफ्त में होगा। जांच पड़ताल जारी है।
- सुधीर कुमार सिंह, एसपी देहात

Posted By: Inextlive