MEERUT : डॉ. भीमराव अंबेडकर हवाई पïट्टी पर माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट लैंडिंग के दौरान दिल्ली के कारोबारी व एयरक्राफ्ट के मालिक योगेश गर्ग के सिर से टकरा गया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

हादसा सुबह करीब साढ़े दस बजे हुआ, जब गर्ग रन वे पर खड़े होकर खुद अपने ही एयरक्राफ्ट के उड़ान की वीडियो बना रहे थे। एयरक्राफ्ट टू सीटर है और उसे पायलट रिटायर्ड स्क्वाडन लीडर अनिल गुप्ता उड़ा रहे थे। दूसरी सीट पर अपूर्वी नाम की एक युवती बैठी थी। इन दोनों को चोट नहीं आई है। प्राथमिक जांच में पता लगा है कि इस विमान को उड़ाने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने पॉयलट को गिरफ्तार कर लिया है। जांच की जिम्मेदारी सिटी मजिस्ट्रेट को दी गई है।

बिना अनुमति के उड़ान
यूपी सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने मेरठ की परतापुर हवाई पट्टी को पंख एविएशन एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड को पांच साल के लिए पायलट ट्रेनिंग और माइक्रो एयरक्राफ्ट के रखरखाव के लिए दे रखा है। पंख ने दिल्ली की कंपनी थ्रस्ट एविएशन को योगेश गर्ग का एयरक्राफ्ट खड़ा करने के लिए जगह दे रखी है। बताया जा रहा है कि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और जिला प्रशासन से इसे उड़ाने की परमिशन नहीं ली गई थी। फिर भी यहां से उड़ान भरी गई।

शौकिया बने पायलट
राजस्थान एअर स्पोट्र्स क्लब के मालिक योगेश गर्ग मूल रूप से राजस्थान के थे और दिल्ली के सिद्धार्थ एनक्लेव में रह रहे थे। बिल्डर होकर भी उन्होंने शौकिया पायलट बनने की ट्रेनिंग ली थी। करीब बीस लाख का माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट खरीदा था। उनकी स्थिति अभी प्रशिक्षु पायलट की थी। फोटोग्र्राफी का भी शौक था। सुबह करीब दस बजे उनकी कंपनी में काम कर रहे पायलट व रिटायर्ड स्क्वाडन लीडर अनिल गुप्ता और अपूर्वी एयर क्राफ्ट में बैठे। कुछ देर में वो आसमान में थे। इस बीच योगेश गर्ग रनवे पर अपने एयरक्राफ्ट की वीडियो शूट करने लगे। उन्होंने कैमरे को जूम कर रखा था। वीडियो शूट के दौरान विमान की दूरी का सही अंदाजा नहीं लगा पाए। पायलट अनिल गुप्ता ने बताया कि ‘मैंने जब पहले लैंडिग की कोशिश की तो एयरक्राफ्ट का दाहिना पहिया उनके (योगेश) से टकराकर निकल गया, मुझे इसका अंदाजा नहीं था, इतना जरूर लगा कि कुछ टकराया है। पहिया निकल जाने के कारण लैंडिंग के दौरान बैलेंस गड़बड़ा रहा था। लैंड करना मुश्किल हुआ तो दोबारा हवा में जाकर लैंड करने की कोशिश की। मैंने तुरंत इंजन बंद कर दिया। पहिया न होने से एअरक्राफ्ट करीब आधा किलोमीटर घिसटता रन वे से बाहर आकर रुका। मैंने संतुलन बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन हादसा को नहीं रोक सका.’ दुर्घटना के समय स्पीड करीब अस्सी किमी प्रति घंटे की रही होगी।
रन वे पर कैसे गए
नियम के मुताबिक जब कोई विमान उड़ान पर हो तो रन वे पर किसी को नहीं जाने दिया जाना चाहिए, लेकिन योगेश गर्ग खुद कंपनी और एयरक्राफ्ट के मालिक थे इसलिए रन वे पर जाने से उन्हें किसी ने नहीं रोका। घटना के बाद एसएसपी, सिविल एविएशन के अधिकारी ने मौके पर जाकर पूछताछ की। मेरठ पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी थी। उधर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने भी इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि योगेश का विमान कुछ समय से परतापुर हवाई पïट्टी पर ही रह रहा था।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि बिना परमिशन के इस विमान को हवाई पïट्टी पर उड़ाया गया। और भी कई गड़बडिय़ां रही हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है।
विकास गोठलवाल, डेीएम

Posted By: Inextlive