प्रतियोगिता से ज्यादा परंपरा बचाने की जिद
Senior व junior अलग-अलग
पंजा युद्ध प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों की संख्या को देखते हुए इसे दो भागों में बांट दिया गया था। लीग आधार पर प्रतियोगिता कराई गई ताकि सभी पहलवानों को एक-दूसरे का सामना करने का मौका मिला। सीनियर सेक्शन में शामिल हुए सभी आठ पहलवानों ने एक दूसरे को कड़ी टक्कर दी। हरिओम चौरसिया और दीपक के बीच हुआ मुकाबला सबसे जोरदार रहा। दोनों पहलवान कतई बाजी हारने को तैयार नहीं थे। उनके बीच हुए जोरदार शक्ति प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। कुछ पलों के लिए सन्नाटा छा गया। फाइनली बाजी हरिओम चौरसिया के हाथ लगी और उन्होंने सीनियर ग्रुप में विजेता होने का गौरव हासिल कर लिया। दीपक और मनीष पाण्डेय पंजा युद्ध में सेकेण्ड और थर्ड पोजीशन पर रहे। जूनियर सेक्शन का मुकाबला भी बेहद दिलचस्प रहा। लवकुश, मंजेश और आशीष ने प्रतियोगिता में क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
64 व 84 किलो वर्ग में हुई weight liftingयहां पंजा युद्ध के साथ ही वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जूनियर सेक्शन की वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में मनीष पाण्डेय को विजेता घोषित किया गया। मंजेश व लवकुश को दूसरे और तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ गया। सीनियर वर्ग में शामिल होने के लिए कई पहलवान पहुंच थे। 84 किलोग्राम वेट काम्पिटिशन में शामिल हुए पहलवानों के बीच प्रतियोगिता में गणेश दुबे ने सबको पीछे छोड़ दिया। प्रतियोगिता में शामिल मंजेश और आशीष को सेकेण्ड व थर्ड पोजिशन से संतोष करना पड़ा। जज के रूप में डॉ। शंम्भू नाथ त्रिपाठी, कैप्टन प्रेम प्रकाश मिश्र, फेमस पहलवान शक्तिराज पाण्डेय, बॉक्सर योगराज पाण्डेय समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
प्रतियोगिता से जुड़ी कुछ बातें-स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर होता है आयोजन-पंजा युद्ध और लेट लिफ्टिंग है प्रतियोगिता का आकर्षण-जूनियर और सीनियर वर्ग में आयोजित होती है प्रतियोगिता-प्रयागराज सेवा समिति परंपराओं को बचाने के लिए दस साल से करा रहा है आयोजन इस प्रतियोगिता का वैसे तो सावन से सीधा कोई संबंध नहीं है। यह स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित की जाती है। अलग बात है कि इस दौरान सावन महीना ही होता है। हम दस सालों से इस प्रतियोगिता को आयोजित कर रहे हैं ताकि हमारी प्राचीन परंपराएं जीवित रहें।तीर्थराज पाण्डेय सचिव, प्रयागराज सेवा समिति