धनु राशि में संचरण कर रहे शनिदेव ने एक मई को सुबह छह बजे के लगभग अपनी चाल बदल दी है.

एक मई को धनु राशि में ही बदल ही शनिदेव ने अपनी चाल

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PRAYAGRAJ: धनु राशि में संचरण कर रहे शनिदेव ने एक मई को सुबह छह बजे के लगभग अपनी चाल बदल दी है. उनकी चाल उल्टी हो गई है. इसका प्रभाव 18 सितम्बर तक रहेगा. शनि के वक्री होने को ज्योतिष शास्त्री अच्छा नहीं मानते. ज्योतिषाचार्य पंडित विद्याकांत पांडेय की मानें तो जिन जातकों की जन्म कुंडली में शनि वक्री हैं उनके लिए शनिदेव का चाल बदलना शुभ है.

किस राशि पर कैसा प्रभाव

मेष : लाभदायक रहेगा. नौकरी व व्यवसाय में सफलता मिलेगी.

-वृषभ : आर्थिक मामलों में स्थिति बेहतर रहेगी. शिक्षा में सफलता के लिए अधिक प्रयास करना पड़ सकता है.

-मिथुन : आर्थिक मामलों में संभल कर चलना होगा. अनावश्यक खर्चे बढ़ने का अंदेशा.

कर्क : कानूनी और सरकारी मामलों में जोखिम लेने से बचना होगा. आत्मविश्वास की कमी बनी रहेगी.

सिंह : सुखद रहेगा. ट्रांसफर के योग बनने की संभावना बनी रहेगी.

कन्या : सफलता प्राप्ति में बाधा आ सकती है. बनते-बनते काम बिगड़ सकता है.

तुला : आपके सभी काम बनेंगे. चुनौति का सामना करना पड़ सकता है.

-वृश्चिक : कार्य क्षेत्र में कठिन परिश्रम करना होगा. वाहन सुख और राजकीय क्षेत्र में लाभ हो सकता है.

-धनु : मिश्रित लाभ होगा. अधिक यात्रा का योग बना रहेगा.

-मकर : क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखना होगा. कर्म के हिसाब से आंशिक फल प्राप्त होगा.

-कुंभ : पारिवारिक और आर्थिक मोर्चे पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

-मीन : कार्य क्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, अनावश्यक की बातचीत मुश्किलों में डाल सकती है.

शनिदेव के वक्री होने से आधे से अधिक राशियों के जातकों पर उसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाने से विपरीत परिस्थितियों में भी जातकों को राहत मिल सकती है.

पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली,

ज्योतिषाचार्य

Posted By: Vijay Pandey