मल्टी रिटेल ब्रांड में 51 फीसदी फॉरेन इनवेस्टमेंट एफडीआई को मंजूरी देकर सरकार ने वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के लिए देश के दरवाजे खोल दिए हैं. विपक्ष और दूसरे संगठनों की चिंता ऐसी कंपनियों खासकर वॉलमार्ट की आक्रामक मार्केटिंग पॉलिसी को लेकर है क्योंकि इससे छोटे दुकानदारों के उजड़ने का खतरा है. आईए हम जानते हैं कि आखिर वॉलमार्ट है क्या?

वॉलमार्ट स्टोर्स इंकॉर्पोरेशन दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है. उसका सालाना कारोबार 21 लाख करोड़ रुपये का है. वो दुनिया में खाने-पीने के सामान की सबसे ज्यादा बिक्री करने वाली कंपनी है. दुनिया के 15 से ज्यादा देशों में वॉलमार्ट के साढ़े 8 हजार से ज्यादा स्टोर्स हैं. जहां करीब 21 लाख लोग काम करते हैं.

सैम वॉल्टन ने खोला था वॉलमार्ट
1962 में सैम वॉल्टन ने अमेरिका के आर्क प्रांत के रोजर्स में पहला वॉलमार्ट स्टोर्स खोला. शायद उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि महज 40साल में ही कंपनी वर्ल्ड की नंबर वन कंपनियों में शुमार हो जाएगी. एक डिस्काउंट स्टोर के तौर पर शुरुआत के बाद सैम वॉल्टन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक से दो, दो से चार और आज वॉलमार्ट के स्टोर्स की गिनती साढ़े 8 हजार से ज्यादा हो चुकी है. कंपनी का 70फीसदी कारोबार अमेरिका और यूरोप में है जबकि 20 फीसदी हिस्सा चीन और जापान से आता है. बाकी की कमाई दूसरे छोटे मुल्कों से होती है. कमाई के अलावा कई ऐसे आंकड़े हैं जो वॉलमार्ट को दुनिया की सबसे बड़ी और अलग कंपनी बनाते हैं.

21 लाख कर्मचारी
वॉलमार्ट में 21 लाख लोग काम करते हैं, जो कि आइसलैंड की कुल आबादी का सात गुना है. वॉलमार्ट का सालाना कारोबार 21 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है, जो दुनिया की 23वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी के बराबर है और ये स्वीडन की अर्थव्यवस्था से भी बड़ा है.
 
2010 में वॉलमार्ट में 770 करोड़ लोगों ने खरीदारी की, जबकि कि दुनिया की कुल आबादी 700 करोड़ से ज्यादा है. अमेरिका की एक तिहाई आबादी हर हफ्ते वॉलमार्ट में खरीदारी करती है. वॉलमार्ट के एक स्टोर का एवरेज एरिया (औसत क्षेत्रफल) 80 हजार वर्गफुट के करीब है और अगर इसके सारे स्टोर्स का क्षेत्रफल जोड़ दिया जाए तो उससे करीब 15300 फुटबॉल के मैदान तैयार हो सकते हैं.
वॉलमार्ट के स्टोर्स का पार्किंग लॉट करीब साढ़े चार सौ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. वॉलमार्ट का हेडक्वॉर्टर अमेरिका के अरकंसास में है. कंपनी कई देशों में दूसरे नामों से काम करती है. जैसे मैक्सिको में वॉलमैक्स, ब्रिटेन में एस्डा और भारत में बेस्ट प्राइस. अब देखना ये है कि विदेशी निवेश को मंजूरी मिलने के बाद वॉलमार्ट को भारत में कितनी कामयाबी मिलती है.

Posted By: Kushal Mishra