कैंब्रिज एनालिटिका को गलत तरीके से फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी मिलने के बाद अब सोशल मीडिया दिग्‍गज ने बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं। फेसबुक के सीटीओ ने एक लंबी पोस्‍ट के जरिए इनके बारे में जानकारी दी है। उन्‍होंने कहा है कि अब एप लोगों की धार्मिक और राजनीतिक पसंद नहीं जान सकेंगे। मोबाइल नंबर और ई-मेल से कोई फेसबुक यूजर्स को नहीं सर्च कर पाएगा। बाकी सेवाओं के लिए एप को फेसबुक से मंजूर के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना होगा।


धार्मिक, राजनीतिक जैसी जानकारी की मंजूरी नहींवाशिंगटन (प्रेट्र)। फेसबुक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) माइक शेरोपफेर ने कहा कि हम किसी भी एप को यूजर्स की निजी जानकारी एक्सेस करने की इजाजत नहीं देंगे, जिनमें उसकी धार्मिक मान्यताएं, राजनीकि दृष्टिकोण, रिलेशनशिप स्टेटस, दोस्तों की सूची, शिक्षा और काम करने इतिहास, फिटनेस एक्टीविटी, किताब पढ़ने, पसंदीदा संगीत, समाचार, वीडियो देखने और गेम संबंधी गतिविधियां शामिल हैं। सीटीओ ने लिखा है कि अगले सप्ताह से हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि कोई भी डेवलर्स फेसबुक यूजर्स से उनके निजी डाटा शेयर करने के लिए रिक्वेस्ट नहीं कर सकेंगे। यदि ऐसा होता दिखेगा तो वे 3 महीने तक एप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।फोन नंबर, ई-मेल एड्रेस से नहीं कर पाएंगे सर्च


सीटीओ ने कहा कि अब तक लोग अपने जानने वालों को उनके फोन नंबर और ई-मेल आईडी से सर्च करते थे। ऐसे सर्च की संख्या 7 प्रतिशत थी। इस तरह की सर्च के कई फायदे थे। एक ही नाम के कई लोगों में अपनों की पहचान में मुश्किल आने पर यह सर्च फायदा देती थी वहीं भाषा की समस्या में भी यह सर्च दोस्तों की खोज में काम आती थी। लेकिन इस सर्च फीचर का कुछ अराजक तत्व लोगों को परेशान करने के लिए भी दुरुपयोग करते थे। यही वजह है कि अब हम इस सर्च फीचर को खत्म कर रहे हैं। साथ ही हम अकाउंट रिकवरी के लिए अलग व्यवस्था करने जा रहे हैं।यूजर तय करेंगे कौन सा विज्ञापन देखें या न देखेंएक अन्य ब्लॉग पोस्ट में फेसबुक ने कहा है कि अब यूजर खुद तय कर सकेंगे कि वे कौन सा विज्ञापन देखेंगे या नहीं देखेंगे। ब्लॉग में कहा गया है कि फेसबुक विज्ञापन कंपनियों से यूजर की कोई जानकारी शेयर नहीं करेगी। हमारे विज्ञापन पॉलिसी में इस बात की विस्तार से जानकारी है कि किस तरह यूजर्स को विज्ञापन दिखाने का हम निर्णय करते हैं। फेसबुक उसकी कंपनी का हिस्सा है जिसके व्हाट्सएप और ऑक्युलस हैं। हमने विस्तार से बताया है कि हम अपनी सेवाओं, इनफ्रास्ट्रक्चर और जानकारियां किस प्रकार से शेयर करते हैं।एक कंपनी एक डाटा पॉलिसी, नहीं बेचेंगे यूजर डाटा

हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि फेसबुक एक ऐसी कंपनी है जो मैसेंजर और इंस्टाग्राम जैसी सेवाएं उपलब्ध कराती है, जहां अब इसी डाटा पॉलिसी का इस्तेमाल होगा। आप किसी भी प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें आपको एक ही प्रकार की सुरक्षा मिलेगी। साथ ही फेसबुक ने यह भी वादा किया है कि वे अब यूजर्स की कोई भी जानकारी किसी को भी नहीं बेचेंगे। फेसबुक ने यह भी कहा कि लोगों की जानकारी की सुरक्षा कंपनी की जिम्मेदारी है। यूजर्स डाटा को लेकर कंपनी ने अपने पार्टनर के लिए कड़े प्रावधान तय कर दिए हैं।लाइक, पोस्ट, फोटो आदि के लिए लेनी होगी मंजूरीबुधवार से सभी एप्स को यूजर्स की पोस्ट, फोटो, वीडियो, लाइक, चेक इन, इवेंट या ग्रुप जैसी जानकारी हासिल करने के लिए फेसबुक से मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी। फेसबुक के सीटीओ ने कहा कि हमने एप्स को इस प्रकार की मंजूरी 2014 में देनी शुरू की थी लेकिन इन आंकड़ों को एक्सेस करने के लिए किसी भी एप को फेसबुक से मंजूरी देने के लिए कड़े प्रावधान से गुजरना होगा।एप एपीआई के जरिए नहीं एक्सेस कर सकेंगे पोस्ट

फेसबुक के सीटीओ ने कहा कि अब तक यूजर्स जो परमिशन देते थे उससे एप उनकी निजी इवेंट के आयोजन सहित उनकी गतिविधियों की जानकारी एक्सेस कर रहे थे। इससे कैलेंडर या एप में फेसबुक इवेंट प्लान करने में आसानी होती थी। लेकिन फेसबुक इवेंट में लोगों की गतिविधियों की जानकारी तो होती ही थी उनकी वॉल पर पोस्ट भी हो जाती थी। अब एप एपीआई के जरिए इवेंट वॉल से यूजर्स की गेस्ट लिस्ट या पोस्ट एक्सेस नहीं कर सकेंगे। उन्होंने अपनी एक लंबी पोस्ट में लिखा है कि भविष्य में कंपनी कड़े प्रतिबंधों के साथ ही किसी एप को एपीआई एवेंट के लिए मंजूरी देगी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh