अभी हाल ही में उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने कहा था कि परमाणु बटन उनकी डेस्‍क पर ही लगा है। इसके जवाब में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि उनके पास और बड़ा परमाणु बटन है। आइए जानते हैं दरअसल यह परमाणु बटन क्‍या होता है और भारत में यह बटन कौन दबा सकता है।


परमाणु बटन नहीं परमाणु हमले का आदेश कहें तो बेहतरदरअसल परमाणु बटन जैसा कुछ नहीं होता। परमाणु हमले के आदेश देने संबंधी अधिकार को ही आम बोलचाल की भाषा में परमाणु बटन कहा जाता है। जब भी हम परमाणु बटन दबाने की बात करते हैं तो इसका मतलब होता है परमाणु हमले का आदेश देने से होता है। दुनिया में छोटे-बड़े 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं। सभी देशों में परमाणु हमले के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है। हर देश में इस प्रकार के हमले की व्यवस्था को एक व्यक्ति लीड करता है। ज्यादातर देशों में वह व्यक्ति वहां का राष्ट्राध्यक्ष होता है। परमाणु हमले के निर्णय की इसी व्यवस्था को आम बोलचाल की भाषा में परमाणु बटन कहा जाता है।
साउथ कोरिया से बातचीत को तैयार तानाशाह, अमेरिका के लिए किम जोंग की डेस्क पर परमाणु बटनउत्तर कोरिया : तानाशाह किम जोंग उन के पास परमाणु 'बटन'


दुनिया में उत्तर कोरिया ही ऐसा देश है जहां परमाणु बम के मनमाने ढंग से इस्तेमाल की आशंका हमेशा बनी हुई है। वजह यह है कि वहां परमाणु हमले को अंजाम देने का अधिकार सिर्फ एक व्यक्ति के हाथों में है। यानी वहां का तानाशाह किम जोंग उन जब चाहे सेना को परमाणु हमले का आदेश दे सकता है। न तो वहां लोकतांत्रिक ढंग से कोई चुनी हुई सरकार है और न ही जनता के प्रति उनकी कोई जवाबदेही है। यही वजह है संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर तमाम प्रतिबंध लगा रखें हैं।साउथ कोरिया से बातचीत को तैयार तानाशाह, अमेरिका के लिए किम जोंग की डेस्क पर परमाणु बटनपाकिस्तान : इस देश में परमाणु बम सुरक्षित हाथों में नहींअमेरिका कई बार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित हाथों में नहीं होने संबंधी चेतावनी जारी कर चुका है। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान में परमाणु हमले का अधिकार सेना के जनरल के पास ही है। वैसे भी वहां ज्यादातर सत्ता लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की बजाए सैनिक तानाशाहों के हाथ ही रही है। यही वजह है कि जनता के प्रतिनिधि नहीं बल्कि पाकिस्तान में सेना प्रमुख परमाणु हमले का मनमाना निर्णय ले सकते हैं, जो खतरनाक है।'कोरिया-सीरिया' पर महाशक्तियां आमने-सामने, परमाणु हमले से बचाव के 10 उपायभारत : तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति नहीं, पीएम को अधिकार

परमाणु हमले की व्यवस्था भारत में थोड़ी अलग है। यहां तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति होते हैं लेकिन वे परमाणु हमले का आदेश नहीं दे सकते। भारत में परमाणु हमले का आदेश देने का अधिकार देश के प्रधानमंत्री के पास होता है। इसकी वजह यह है कि देश का पीएम जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का नेता होता है। इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पीएम के पास यह अधिकार है। इस मामले में पीएम को निर्णय लेने में सलाह देने के लिए एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, तीनों सेनाओं के प्रमुख और स्ट्रेटजिक कमान जिसे हमला करना होता है शामिल होते हैं।होमी जहांगीर भाभा : जिन्होंने भारत को दी परमाणु शक्तियुनाइटेड किंगडम : पीएम के पास होते हैं सर्वोच्च अधिकारयूनाइटेड किंगडम में सेना द्वारा परमाणु हमले का अधिकार वहां के पीएम दे सकते हैं। इसके लिए पीएम को वहां के रक्षा सेनाओं के प्रमुखों से सलाह मशविरा करना होता है। फिर भी हमले का अंतिम आदेश पीएम को ही देना होता है। पीएम के आदेश के बाद ही वहां परमाणु हथियारों को दुश्मन देश पर हमले के लिए लांच किया जा सकता है। यूके में 215 परमाणु बम हैं।
129 देशों ने माना, परमाणु हथियार को किया जाए बैन

Posted By: Satyendra Kumar Singh