जानें क्या है 'परमाणु बटन' और भारत में कौन 'दबा' सकता है यह बटन
परमाणु बटन नहीं परमाणु हमले का आदेश कहें तो बेहतरदरअसल परमाणु बटन जैसा कुछ नहीं होता। परमाणु हमले के आदेश देने संबंधी अधिकार को ही आम बोलचाल की भाषा में परमाणु बटन कहा जाता है। जब भी हम परमाणु बटन दबाने की बात करते हैं तो इसका मतलब होता है परमाणु हमले का आदेश देने से होता है। दुनिया में छोटे-बड़े 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं। सभी देशों में परमाणु हमले के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है। हर देश में इस प्रकार के हमले की व्यवस्था को एक व्यक्ति लीड करता है। ज्यादातर देशों में वह व्यक्ति वहां का राष्ट्राध्यक्ष होता है। परमाणु हमले के निर्णय की इसी व्यवस्था को आम बोलचाल की भाषा में परमाणु बटन कहा जाता है।
साउथ कोरिया से बातचीत को तैयार तानाशाह, अमेरिका के लिए किम जोंग की डेस्क पर परमाणु बटनउत्तर कोरिया : तानाशाह किम जोंग उन के पास परमाणु 'बटन'
दुनिया में उत्तर कोरिया ही ऐसा देश है जहां परमाणु बम के मनमाने ढंग से इस्तेमाल की आशंका हमेशा बनी हुई है। वजह यह है कि वहां परमाणु हमले को अंजाम देने का अधिकार सिर्फ एक व्यक्ति के हाथों में है। यानी वहां का तानाशाह किम जोंग उन जब चाहे सेना को परमाणु हमले का आदेश दे सकता है। न तो वहां लोकतांत्रिक ढंग से कोई चुनी हुई सरकार है और न ही जनता के प्रति उनकी कोई जवाबदेही है। यही वजह है संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर तमाम प्रतिबंध लगा रखें हैं।
परमाणु हमले की व्यवस्था भारत में थोड़ी अलग है। यहां तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति होते हैं लेकिन वे परमाणु हमले का आदेश नहीं दे सकते। भारत में परमाणु हमले का आदेश देने का अधिकार देश के प्रधानमंत्री के पास होता है। इसकी वजह यह है कि देश का पीएम जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का नेता होता है। इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पीएम के पास यह अधिकार है। इस मामले में पीएम को निर्णय लेने में सलाह देने के लिए एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, तीनों सेनाओं के प्रमुख और स्ट्रेटजिक कमान जिसे हमला करना होता है शामिल होते हैं।