आप सोच रहे होंगे कि हमें ये बताने की जरूरत क्‍यों पड़ गयी ये तो सभी जानते हैं कि खाने में नमक के बिना कोई स्‍वाद नहीं आता तो वो जरूरी है। पर बताना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि आजकल ऐसा चलन हो गया है कि लोग कम से कम नमक खायें। लो साल्‍ट डाइट्स का ट्रेंड काफी बए़ गया है। बिना शक नमक जरूरत से ज्‍यादा नहीं खाना चाहिए पर जरूरत से कम खाना भी आपकी सेहत के लिए खतरनाक है।

जरूरी है संतुलित नमक
पहली बात तो ये है कि संतुलित नमक के बिना खाने में स्वाद नहीं आता। जैसे ज्यादा नमक खाने को बेस्वाद कर देता है वैसे ही कम नमक भी खाने का मजा खत्म कर देता है। इसलिए जरूरीहै कि भोजन में पर्याप्त और संतुलित मात्रा में नमक होना ही चाहिए। दूसरी बात ये कि अक्सर ये तर्क दिया जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर में ज्यादा नमक खतरनाक हो सकता है। लेकिन ये तो हाई ब्लड प्रेशर होने की अवस्था में ध्यान रखने की बात है। सामान्य अवस्था में कम नमक खाने से आपके शरीर में आयोडीन की मात्रा कम हो सकती है। जो अच्छा नहीं है, कम नमक शरीर में और भी कई महत्वपूर्ण तत्वों की कमी कर सकता है। इससे लो ब्लड प्रशर की समस्या भी हो सकती है।
पानी और पाचन तंत्र के संतुलन के लिए जरूरी है नमक
नमक शरीर में पानी के स्तर को तो नियंत्रित करता ही है, इसके अलावा भी कई काम करता है। पाचन तंत्र को भोजन ठीक तरह से अवशोषित करने के लिए नमक की आवश्यकता होती है। नमक मस्तिष्क की कोशिकाओं से एसिडिटी को बाहर निकालता है। किडनी नमक के बिना ठीक तरह से काम नहीं करती। नमक तनाव, अवसाद और भावनात्मक समस्याओं में भी राहत देता है। यह ब्लड में शुगर के स्तर को कम करता है और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इंसुलिन लेने की जरूरत कम पड़ती है। साथ ही मांसपेशियों के सुचारू रूप से काम करने में नमक की अहम भूमिका होती है।

कई तरह का होता है नमक
नमक भी कई प्रकार का होता है पर प्रचलन में तीन प्रकार का नमक ज्यादा है। सामान्य नमक: ये नमक वही है जो हम आमतौर पर भोजन में इस्तेमाल करते  हैं। ये ज्यादातर नमक की चट्टानों और समुद्र से आता है और इसमें सोडियम और क्लोराइड प्रचुर मात्रा में मिलता है। सेंधा नमक: ये एक प्रकार का समुद्री नमक होता है और कुछ पहाड़ी इलाकों में चट्टानों के रूप में भी पाया जाता है। सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है। इसकी शुद्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे भी होता है। इसमें आयोडीन भी मिलता है और ये हार्ट के लिए भी अच्छा होता है। काला नमक: ये काफी मात्रा में भोजन के साथ इस्तेमाल किया जाता है। काले नमक में मुख्यतः सोडियम क्लोराइड होता है। इसके अतिरिरिक्त इसमें सोडियम सल्फेट, आइरन सल्फाइड, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि की कुछ मात्रा भी मिश्रित होती है। सोडियम क्लोराइड के कारण स्वाद में नमकीन होता है, आइरन सल्फाइड के कारण गहरा बैंगनी दिखता है। काले नमक को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति में एक ठंडी तासीर वाला माना जाता है। यह भी माना जाता है कि यह पेट की गैस और पेट की जलन मे राहत देता है। कहते हैं इसमे आम नमक की तुलना मे कम सोडियम होता है और यह रक्त में सोडियम की मात्रा में वृद्धि नहीं करता है।

Food News inextlive from Food Desk

Posted By: Molly Seth