मदरसे में एक टीचर को बच्‍चों को राष्‍ट्रगान सिखाना मंहगा पड़ गया। मुस्‍लिम धर्मगुरुओं की इसकी खबर लगते ही उनके समर्थकों ने टीचर की जमकर धुनाई कर दी। पढ़ें पूरी खबर....

पश्चिम बंगाल की है घटना
पश्चिम बंगाल के एक मदरसे में मुस्लिम शिक्षक को बच्चों से राष्ट्रगान गाने के लिए कहना भारी पड़ गया। इस मुस्लिम शिक्षक की स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। जानकारी के अनुसार, सरकारी सहायता प्राप्त इस मदरसे के शिक्षक ने जब बच्चों से राष्ट्रगान गाने के लिए कहा तो स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। शिक्षक पर ऐसा आरोप लगाया गया है कि उसने जानबूझ कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की।

राष्ट्रगान है अपवित्र

एक रिपोर्ट के अनुसार, तालपुकुर आरा हाई मदरसा के हेडमास्टर काजी मासूम अख्तर गणतंत्र दिवस के लिए राष्ट्रगान कार्यक्रम की तैयारी करा रहे थे। इसी कोशिश में वह बच्चों को जन-गण-मन गाना सिखा रहे थे। इसी को लेकर स्थानीय मौलानाओं व उनके समर्थकों ने अख्तर की बुरी तरह से पिटाई कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, मौलवियों ने राष्ट्रगान को 'अपवित्र' करने वाला और 'हिंदूवादी गीत' बताया और अख्तर के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं था जब अख्तर पर इस तरह से हमला किया गया हो। अप्रैल 2015 में भी भीड़ उनकी पिटाई कर चुकी है। तब मामला धार्मिक चिह्न से जुड़ा था।

टीचर दाढ़ी बढ़ाने को भी मजबूर

मदरसे में पढ़ाने के लिए अख्तर को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ा है। मौलवियों ने अख्तर से हर हफ्ते उनकी दाढ़ी की फोटो खींचने के लिए कहा था, जिससे यह पता चल सके कि वह कितनी बढ़ रही है।अख्तर ने अब प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पुलिस और पश्चिम बंगाल मदरसा बोर्ड चेयरमैन से मदद मांगी है, लेकिन उन्हें किसी के भी तरफ से अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिल सका है।

धर्मगुरुओं ने जताई नाराजगी

वहीं कई धर्मगुरुओं ने मदरसे के शिक्षक की पिटाई पर नाराजगी जताई है। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद ने कहा है कि राष्ट्रगान गाना हर भारतीय का कर्तव्य है, उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं जमियत उलेमा के उपाध्यक्ष मुफ्ती सैयद मिराज ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari