BUXAR /PATNA : भले ही रेलवे दावा करता है कि ट्रेन समय से चल रही हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। मुगलसराय-पटना रेलखंड पर चलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेन रेलवे के दावे की पोल खेल रही हैं। पिछले साल कुहासा के दौरान तीन दिन लेट चलने का रिकॉर्ड बना चुकी कोटा-पटना एक्सप्रेस एक बार फिर लेट का रिकॉर्ड बनाने जा रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी की मार यात्रियों पर पड़ रही है।

सुल्तानपुर के बाद रफ्तार पर लग जाता है ब्रेक

कोटा से पटना तक चलने वाली ट्रेन का बक्सर में समय शाम 6.35 बजे है, लेकिन ट्रेन कभी समय पर नहीं आती है। अधिकांश दिनों में यह ट्रेन आधी रात को बक्सर से गुजरती है और रात नौ बजे पटना पहुंचने वाली ट्रेन अगले दिन सुबह में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचती है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे कुछ ट्रेनों को समय से चलाने की कवायद कर रस्म अदायगी कर रहा है। हैरानी की बात है कि कोटा-पटना सुल्तानपुर तक समय से आती है, उसके बाद ट्रेन बैलगाड़ी का रूप ले लेती है और मुगलसराय तक लगभग 113 किलोमीटर का सफर तय करने में उसे 5 से 8 घंटे लग जाते हैं और वहीं से उसकी दुर्दशा शुरू हो जाती है।

डेली पैसेंजर्स हो रहे परेशान

दैनिक यात्री कल्याण समिति के राजीव सिंह ने बताया कि डाउन में इस ट्रेन का समय कुछ महीने पहले पुनरीक्षित कर दोपहर से शाम किया गया। तब पटना और आरा से बक्सर आने वाले दैनिक यात्री बहुत खुश हुए कि उन्हें अपने ऑफिस का काम निपटाने के बाद पटना तक जाने के च्लए अच्छा विकल्प मिल गया। परंतु, रेलवे की अनदेखी से ट्रेन यात्रियों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है।

श्रमजीवी भी ऑल टाइम लेट

हर साल कुहासे में भी समय से परिचालन में नई दिल्ली से राजगीर तक चलने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा हैलेकिन पिछले तीन-चार महीनों से यह ट्रेन भी रेलवे की प्राथमिकता सूची से बाहर हो गई है। डाउन में हर दिन यह ट्रेन दो से चार घंटे लेट पहुंच रही है। यही हाल अमृतसर से हावड़ा तक चलने वाली पंजाब मेल का है। कभी समय पर चलने वाली यह ट्रेन पिछले कई महीनों से डाउन में समय से नहीं गुजरी। डाउन में हर दिन यह ट्रेन पांच से सात घंटे लेट बक्सर स्टेशन पहुंच रही है। हालांकि, हावड़ा से अमृतसर की ओर अप में इसका परिचालन कुछ ठीक है। रेलवे के अधिकारी भी समय से परिचालन में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड वाली ट्रेनों के लेट होने की वजह नहीं बता पा रहे हैं।

Posted By: Inextlive