- डीजीपी ने कोतवाली थाने के रिनोवेशन का दिया निर्देश

- स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है कोतवाली की कहानी

GORAKHPUR: गोरखपुर कोतवाली का नजारा बदलेगा। क्08 पुराने ऐतिहासिक थाने का नए सिरे से रिनोवेशन किया जाएगा। समीक्षा बैठक में शामिल होने आए मुख्य स िचव और डीजीपी ने निरीक्षण के दौरान बिल्डिंग की खस्ताहालत देख प्रशासन को उसकी हालत सुधारने का निर्देश दिया। इससे न केवल बिल्डिंग की दशा दिशा सुधरेगी बल्कि पुलिसकर्मियों को ठहराने के लिए बैरक का भी निर्माण कराया जाएगा।

जर्जर हो चुकी है कोतवाली की बिल्डिंग

शहर के बीचो-बीच स्थित कोतवाली थाना का इतिहास बहुत पुराना है। कोतवाली की बिल्डिंग अपनी क्08 साल की उम्र पार कर चुकी है। अब उसकी हालत जर्जर हो च की है। कहने को इंस्पेक्टर का आवास भी है और फोर्स को ठहराने के लिए बैरक भी, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत कुछ और है। बैरक और थाने की दीवारें दरकनें लगी है। कोतवाली थाने में एक कोतवाल समेत 7फ् पुलिस कर्मियों की तैनाती है। दो बैरक भी है, जिसमें ख्0 से पुलिस कर्मियों को ठहराया जा सकता है लेकिन उसकी भी हालत जर्जर है।

बनेगा बैरक, निखरेगी बिल्डिंग

मुख्य सचिव और डीजीपी के निरीक्षण के बाद पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कोतवाली की बिल्डिंग का रिनोवेशन कराया जाए। इंस्पेक्टर आवास के साथ -साथ पुलिस कर्मियों के लिए बैरक बनाया जाएगा। थाने की बिल्डिंग को नए सिरे से बनाया जाएगा। कोतवाली थाने का मैस सिस्टम को भी सुधारा जाएगा। बैरक की संख्या बढ़ा कर वहां तैनात पुलिस कर्मियों के ठहराने की व्यवस्था कराई जाएगी।

कोतवाली का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा

अंग्रेजों के शासन काल में क्90म् में कोतवाली थाना बनाया गया था। ब्रिटिश हुकूमत में थाने का चार्ज अंग्रेजों के पास था और स्वतंत्रता के बाद इसे गोरखपुर कोतवाली का नाम देकर कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए थाना बनाया गया। इतिहासकार सुभाष अकेला ने बताया कि जिस जगह कोतवाली थाने की बिल्डिंग बनी है वहां क भी स्वतंत्रता सेनानी शहीद सरदार अली खां का मकान था। क्8भ्7 के स्वतंत्रता संग्राम में सरदार अली परचम लहराया था। जिसके बाद अंग्रेजों पुलिस ने उन्हें परिवार सम त गिरफ्तार कर लिया और उनके मकान को ध्वस्त कर घर के बाहर लगे नीम के पेड़ से फांसी देकर मौत के घाट उतार दिया। कुछ साल बाद शहीद सरदार अली के मक ान पर अंग्रजों ने क्90म् में कोतवाली का निर्माण कराया। सरदार अली खां और उनके परिवार की मजार आज भी कोतवाली थाने के बाहर बनी हुई है और वह नीम का पेड़ भी मौजूद है जिसमें उन्हें फांसी दी गई थी।

वर्जन-

कोतवाली थाने की बिल्डिंग जर्जर हालत में है। समीक्षा बैठक में निरीक्षण के दौरान अफसरों ने बिल्डिंग के मरम्मत और बैरक बनवाने का निर्देश दिया है। कोतवाली की बिल्डिंग क्08 साल पुरानी है।

महेन्द्र नाथ दुबे, इंस्पेक्टर, कोतवाली

कोतवाली की बिल्डिंग अंग्रजों ने क्90म् में बनवाई थी। स्वतंत्रता संग्राम शहीद सरदार अली खां के आवास को ध्वस्त कर थाने का निर्माण कराया गया था। थाने के बाहर शहीद सरदार अली खां और उनके परिवार की मजार इस बात का सबूत है।

सुभाष अकेला, समाजसेवी

Posted By: Inextlive