कानपुर जल निगम अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली कुंभ में निर्मल गंगा के सपने को चकनाचूर कर रही है.

-कुंभ में हुए पहले स्नान के बाद ही गंगा में गिरने लगे नाले, म्योर मिल और परमट नाले के पंपिंग स्टेशन हुए ओवरफ्लो

-स्थानीय निवासियों के मुताबिक रात 10 बजे के बाद पूरी क्षमता से गंगा में गिरने लगे टैप किए गए नाले, कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

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KANPUR : कानपुर जल निगम अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली कुंभ में निर्मल गंगा के सपने को चकनाचूर कर रही है। लापरवाही का आलम ये है कि कुंभ के पहले शाही स्नान के बाद ही कानपुर से गंगा में नाले गिरने लगे हैं। हालांकि जल निगम इस बात से इंकार कर रहा है। लेकिन तस्वीरें सच्चाई को बयां करने के लिए काफी हैं। वेडनेसडे को परमट और म्योर मिल नाला लगातार गंगा में गिरता हुआ मिला। स्थानीय लोगों के मुताबिक मंगलवार रात 10 बजे के बाद पूरी क्षमता से नाले गंगा में गिरना शुरू हो गए थे। नालों में फ्लो को रोकने के पर्याप्त इंतजाम न होने से लगातार नाले ओवरफ्लो हो रहे हैं और सीवेज सीधे गंगा में गिर रहा है।

63 करोड़ रुपए बर्बाद
कुंभ के दौरान एक भी नाला गंगा में न गिरे, इसके लिए नमामि गंगे के तहत 63 करोड़ रुपए नालों को टैप करने के लिए दिए गए थे। बता दें कि कानपुर के 16 बड़े नाले गंगा में गिरते हैं। 63 करोड़ से सीसामऊ नाला, म्योर मिल, नवाबगंज, परमट नाले को टैप किया जा चुका है। इसके बावजूद नाले गंगा में चोरी-छिपे गिराए जा रहे हैं। इससे पूरी कवायद बेकार होने की कगार पर पहुंच चुकी है।

करोड़ों लीटर सीवेज गंगा में
परमट नाला से रोजाना 3.5 करोड़ लीटर सीवेज टैप होने से पहले गिरता था। जल निगम के दावों के मुताबिक इस नाले को पूरी तरह से टैप कर दिया गया है, लेकिन रियेलिटी चेक में इस नाले से सीवेज गंगा में गिरता हुआ मिला। हालांकि पहले के मुकाबले नाले का फ्लो कम जरूर था। यही हाल म्योर मिल और डबका नाले का भी मिला। इन नालों के मुंह गंगा में सीवेज गिराने के लिए पहले की तरह खुले हुए ही थे। अनुमान के मुताबिक अब भी रोजाना गंगा में 2 करोड़ लीटर सीवेज गिर रहा है।

2 नाले निर्माणाधीन

घाट गिर रहा सीवेज

परमिया घाट 3.5 करोड़ लीटर

गुप्तारघाट 3.5 करोड़ लीटर

63 करोड़ से इन नालाें की टैपिंग

-सीसामऊ नाला

-म्योर मिल नाला

-नवाबगंज नाला

-परमिया नाला

-गुप्तारघाट नाला

-डबका नाला

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इन स्टेशनों से पंपिंग

-गुप्तारघाट पंपिंग स्टेशन

-नवाबगंज पंपिंग स्टेशन

-भैरवघाट पंपिंग स्टेशन

-परमट पंपिंग स्टेशन

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टेनरी वेस्ट के ये बड़े नाले

नाला संचालित बंद टेनरी

डबका नाला 38 24

शीतला बाजार नाला 114 65

वाजिदपुर नाला 94 40

बुढि़याघाट नाला 18 07

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इन व्यवस्थाओं पर भी सवाल

1. कुंभ में स्नान के दौरान जल निगम ने गंगा में गिरने वाले 16 बड़े नालों पर 1-1 जेई तैनात किया था। ताकि गंगा में नाला गिरने पर तुरंत रिपोर्ट मिले और रोकने की कार्यवाही शुरू की जाए। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा।

2. उ.प्र। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर टैप हो चुके नालों पर सीसीटीवी लगाए जाने थे, उनकी लाइव स्ट्रीमिंग सीधे बोर्ड को जानी थी। अब ऐसे में इस पर भी सवाल उठने लगे हैं।

3. डीएम के निर्देश पर भी टेनरियों और नालों की जांच के लिए टीम का गठन किया गया था। जब लगातार गंगा में नाले गिर रहे हैं, तो ऐसे में इस टीम की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।

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टैप हो चुके नाले आखिर गंगा में किस वजह से गिर रहे हैं। टीम को भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। यह बेहद लापरवाही भरा रवैया है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।

-विजय विश्वास पंत, डीएम, कानपुर नगर।

Posted By: Inextlive