प्रयागराज में चल रहे कुंभ में आज बसंत पंचमी पर तीसरा शाही स्नान है। एेसे में आज दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने की उम्मीद है। यहां पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

प्रयागराज (पीटीआई)। बसंत पंचमी पर तीसरे व आखिरी शाही स्नान को लेकर आज यहां कराेड़ों की संख्या में श्रद्धालू संगम में डुबकी लगाएंगे। इस खास स्नान के लिए यहां दो दिन पहले से लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु यहां स्नान करने पहुंचे हैं। सड़कें खचाखच भरी हैं। इस संबंध में कुंभ मेला अधिक्कारी विजय किरण आनंद ने पीटीआई को बताया कि रविवार को बसंत पंचमी के अवसर पर संगम में डुबकी लगाने के लिए करीब दो करोड़ से अधिक  लोगों के यहां पहुंचने की संभावना है। ऐसे में यहां पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। यूपी पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों सहित सुरक्षाकर्मियों को शहर के चप्पे-चप्पे तैनात किया गया है।

सुरक्षा के व्यापक इंताजाम किए गए
यूपी पुलिस ने आज के लिए तैयारी पूरी कर ली है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पहले कहा था कि पूरे क्षेत्र को नौ जोन और 20 सेक्टरों में बांटा गया है। इनकी सुरक्षा में 20,000 पुलिसकर्मियों, 6000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 40 पुलिस थाने, 58 चौकियां, 40 दमकल केंद्र बनाए गए हैं।  केंद्रीय बलों की 80 कंपनियां और पीएसी की 20 कंपनियां भी तैनात हैं। इतना ही नहीं आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 10 मिनट से भी कम समय लिया जाएगा। किसी भी आतंकवादी गतिविधि से निपटने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के कमांडो, स्नाइपर्स, बम निरोधक इकाइयों, स्निफर डॉग स्क्वॉड और खुफिया इकाइयों की सेवा भी ली जाएगी।

 


आज तीसरा व अंतिम शाही स्नान
वहीं इस संबंध में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान तीन शाही स्नान (शाही स्नान) और तीन पर्व स्नान होते हैं। मकर संक्रांति 15 जनवरी को पहला और 4 मार्च को महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान दिवस होगा। 'शाही स्नान' कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस संबंध में प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने बताया कि बसंत पंचमी पर कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान है। इससे पहले 15 जनवरी मकर संक्रांति को और 4 फरवरी को मौनी अमावस्या पर शाही स्नान थे। शाही स्नान पर डुबकी लगाने से भक्तों को गंगा, यमुना और सरस्वती यानी कि तीनों पौराणिक नदियों का आशीर्वाद एक साथ मिलता है।

 

Posted By: Shweta Mishra