प्रशासन का दावा एक करोड़ से अधिक ने लगायी डुबकी.

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PRAYAGRAJ :
प्रशासन का दावा अलग पूर्णिमा का मान रविवार को दोपहर एक बजे के बाद शुरू हो गया था तो उदया तिथि से पूर्णिमा मानने वाले लाखों श्रद्धालुओं ने सोमवार को भोर से ही स्नान-दान करने के लिए पहुंचे। हालांकि मेला प्रशासन का दावा है कि पूर्णिमा पर एक करोड़ सात लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई है।

शटल बसों की मिली सुविधा
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आईं शटल बसों की सुविधा श्रद्धालुओं को प्रदान की गई। इसके लिए परेड मैदान से पहले बनाई गई पार्किंग पर बाहर से आने वाले वाहनों को रोककर दस शटल बसों के जरिए श्रद्धालुओं को नि:शुल्क संगम नोज तक पहुंचाया जा रहा था तो इसी तरह अरैल क्षेत्र में भी टेंट सिटी तक दस शटल बसों से श्रद्धालुओं को घाटा के करीब तक पहुंचाया गया। श्रद्धालुओं की मानें तो यह शासन की दिव्य व्यवस्था की गई थी।

आस्था के संग शुरू हुआ कल्पवास
सोमवार को भोर से ही पौष पूणिमा के स्नान के साथ ही श्रद्धालुओं का कल्पवास भी शुरू हो गया। कल्पवास के जरिए दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा, खाक चौक व तीर्थ पुरोहितों के पंडाल में माघी पूर्णिमा तक के लिए जप-तप व अनुष्ठान का श्रीगणेश भी हुआ। श्रद्धालुओं ने अपने-अपने शिविरों के परिसर में तुलसी का बिरवा बोया और जौ छिड़का। तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं को नमन कर श्रद्धालुओं ने भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी। खाकचौक में जगन्नाथ शिविर में वाराणसी से आएं श्रद्धालुओं ने बताया कि वैदिक संस्कृति में तुलसी और जौ को सबसे पूज्नीय माना जाता है। इसलिए हम लोग तुलसी का बिरवा साथ लेकर आए थे।

Posted By: Inextlive