सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को दिला रहे जिम्मेदारी का अहसास.

-यंगस्टर्स और संतों के बीच बढ़ते मेंटल गैप को लेकर चिंतित हैं स्वामी रामशंकर

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PRAYAGRAJ: मेले में तमाम बाबा आए हैं। इनमें एक बाबा ऐसे भी हैं, जो बनना चाहते थे हीरो, लेकिन बन गए 'डिजिटल बाबा.' यह हैं 32 वर्षीय रामशंकर, जो युवाओं को धर्म और अध्यात्म के साथ जीवन मूल्य से परिचित करा रहे हैं। रामशंकर फेसबुक लाइव और यू-ट्यूब के माध्यम से नई जनरेशन को धर्म, वेद और शास्त्रों का ज्ञान बांट रहे हैं। वह यंगस्टर्स से उनकी स्टाइल में मिलते हैं और उसी अंदाज में अपनी बात कह देते हैं। वह कहते हैं कि आज का युवा साधुओं के पांडाल और प्रवचन में नही जाना चाहता। इसलिए बाबाओं की वाणी उन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया बेहतर साधन साबित हो सकता है।

सोसायटी के प्रति संवेदनशील बनें युवा
स्वामी रामशंकर कहते हैं कि 15 से 28 साल के युवा उनके टारगेट पर होते हैं। आजकल कुंभ में घूमते-फिरते ऐसे युवाओं की टोली मिल जाती है तो रामशंकर उनसे धर्म और अध्यात्म की बात करने लगते हैं। इस बातचीत का स्टाइल बेहद आधुनिक होता है और इसका वीडियो वह स्वयं सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर उनको डिजिटल बाबा के नाम से जाना जाता है। युवाओं के बीच मॉल, रेस्टोरेंट और पब जितना महत्वपूर्ण है, अपने धर्म, राष्ट और जीवन के प्रति संवदेनशील होता भी उतना जरूरी है। स्वामी रामशंकर के प्रवचन और लाइव बातचीत के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी लाइक किए जाते हैं। बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स भी हैं।

बनना था हीरो, बन गए बाबा
डिजिटल बाबा कहते हैं कि बचपन में उन्होंने हीरो बनने का सपना देखा था और कई थिएटर में काम भी किया। लेकिन कुछ घटनाओं के चलते वैराग्य की भावना लगातार प्रबल होती गई। 2008 में उन्होंने अयोध्या धाम में स्थित लोमश आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से वैष्णव परंपरा से संन्यास की दीक्षा प्राप्त हुई। रामशंकर निर्मोही अखाडे़ से जुड़े हैं। उन्होंने गोरखपुर विवि से बीकॉम की शिक्षा प्राप्त की है।

 

 

Posted By: Inextlive