कुंभ मेला में लाखों फॉरेनर टूरिस्ट के आगमन की आस में लाखों रुपये रेनोवेशन पर खर्च करने वाले शहर के होटल के मालिक सन्नाटे में हैं.

रेनोवेशन पर लाखों खर्च करके फंसे होटल कारोबारी, फॉरेनर टूरिस्ट गायब

बाबाओं के कैंप में ही नजर आ रहे हैं टूरिस्ट, मिल रही है पूरी सुविधा

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला में लाखों फॉरेनर टूरिस्ट के आगमन की आस में लाखों रुपये रेनोवेशन पर खर्च करने वाले शहर के होटल के मालिक सन्नाटे में हैं। ऐसा नहीं है फॉरेन से आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या कम है। दरअसर, इन्हें बाबाओं ने सीधे अपने कैंप में बने स्विस कॉटेज में फेसेलिटेट कर दिया है। स्थिति यह आ गयी है कि दिसंबर में स्टे रेट बढ़ाने देने वाले होटल कारोबारी आलमोस्ट पुराने रेट पर लौट आये हैं। उनका मानना है कि अब जो भी थोड़ा बहुत बिजनेस होगा वह मौनी अमावस्या पर ही हो सकेगा।

फारेनर के लिए ये अ‌र्द्धकुंभ है
यूपी सरकार ने भले ही अ‌र्द्धकुंभ मेला को कुंभ का नाम दे दिया है, लेकिन फॉरेन के लोगों को ये पता है कि प्रयागराज में अ‌र्द्धकुंभ का आयोजन हो रहा है। होटल मालिक बताते हैं कि 2013 की तरह फारेनर की भीड़ फिलहाल तक नहीं दिख रही है। 2013 में कुंभ के दौरान जितने फॉरेनर दिखते थे, उसका एक फीसदी भी अब तक उनके यहां नहीं आये हैं।

कारपोरेट जगत ने भी दूरी बनायी
होटल मालिक सरदार जोगेंदर सिंह ने कहा कि 1989 से बिजनेस में हूं। मेरे सामने 6ठां अ‌र्द्धकुंभ है। 2006-2007 में जो फारेनर आए थे, वह संख्या भी इस बार नहीं दिख रही है। तब बगैर ब्रांडिंग के भीड़ दिखती थी। इस बार जबर्दस्त ब्रांडिंग के बाद भी फारेनर की तो बात ही छोडि़ये कारपोरेट जगत के लोग भी नहीं आ रहे हैं। होटल मालिक कहते हैं कि कारपोरेट जगत को पता है कि होटलों में जगह मिल जाएगी। आने-जाने में असुविधा होगी। इनको वीआईपी व्यवस्था चाहिए। जबकि स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में लम्बा पैदल चलना मजबूरी है।

अखाड़ों ने खींच लिए फारेनर
इस बार अखाड़ों के इंतजाम बड़े हैं। सारे फारेनर अखाड़ों ने खींच लिए हैं। जो भी फारेनर और कारपोरेट घरों के लोग आ रहे हैं, वे अखाड़ों में ही रुक जा रहे हैं। कुछ ऐसे भी पंडाला बाबाओं के यहां बने हैं जहां पेमेंट बेस पर यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। वहां फारेनर खर्च कर रहे हैं। स्विस कॉटेज में फारेनर रुक रहे हैं। कई अखाड़ों में वीआईपी व्यवस्था है।

अभी तो होटल व्यवसाय में सन्नाटे जैसा है। रुटीन बिजनेस ही है। 50 फीसदी तक ही बुकिंग है। मेला मार्च तक चलना है। उम्मींद तो कर ही सकते हैं कि फरवरी में बिजनेस में उछाल आयेगा।
योगेश गोयल, होटल व्यवसायी

सबको एक जैसे ट्रीटमेंट ने कारपोरेट जगत को रोका है तो अ‌र्द्धकुंभ के नाम पर फॉरेनर गायब हैं। बिजनेस रुटीन जैसा ही चल रहा है। अब तो मौनी अमावस्या से लेकर बसंत पंचमी के बीच के पीरियड में बुकिंग का इंतजार है।
सरकार जोगिन्दर सिंह, होटल व्यवसायी

 

Posted By: Inextlive