प्रयागराज कुभ 2019 : त्रिवेणी में पहली बार किन्नर साधुआें का 'संगम'
कानपुर। त्रिवेणी संगम नगरी प्रयागराज में इस बार का कुंभ कई बातों को लेकर महत्वपूर्ण है। त्रिवेणी में पहली बार किन्नर साधुओं का अनोखा संगम देखने को मिला। ऐसा पहली बार हुआ, जब कुंभ के दौरान किन्नर अखाड़ा के संतों ने अपना इतिहास बदलते हुए शाही स्नान किया। बता दें कि कुंभ के दौरान जूना अखाड़ा के संतों से हुई बातचीत के बाद किन्नर अखाड़ा का उसमें विलय हो गया। जिसके बाद किन्नर अखाड़ा के संतों ने जूना अखाड़ा के साथ मिलकर कुंभ में शाही स्नान किया। आज हम आपको दिखा रहा हैं कि किन्नर अखाड़ा के सदस्य किस तरह से शाही स्नान में शामिल हुए। त्रिशूल पकड़ी हुईं किन्नर अखाड़ा' की सचिव पवित्राइस तस्वीर में देख सकते हैं कि 'किन्नर अखाड़ा' की सचिव पवित्रा अपने अन्य साथियों के साथ प्रागराज में कुंभ मेले के दौरान एक त्रिशूल पकड़ी हुई हैं। यह बहुत ही अनोखा नजारा है।
शाही स्नान के लिए आगे बढ़ रहे किन्नर अखाड़ा के सदस्य15 जनवरी, 2019 को ली गई इस तस्वीर में, किन्नर अखाड़ा के अनुयायी एक जुलूस में रथ पर सवार होकर शाही स्नान के लिए आगे बढ़ रहे हैं। बता दें कि दशकों तक लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अपने ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज के बाकी हिस्सों के साथ रखने के लिए भारत के कानूनों और मान्यताओं का सामना किया है। 15 जनवरी को उन्होंने त्रिवेणी में शाही स्नान करके अपना इतिहास बदल दिया।
एक दूसरे को बधाई दे रहे सदस्य14 जनवरी, 2019 को ली गई इस तस्वीर में, जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा के सदस्य विलय होने के बाद एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। बता दें कि दोनों अखाड़ा के सदस्यों के बीच हुई बैठक के बाद विलय का निर्णय लिया गया था।
इस तस्वीर में महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान अपने अनुयायियों के साथ नाचती और गाती नजर आ रही हैं।