-अध्यात्म के साथ-साथ स्पो‌र्ट्स में भी रुचि रखते हैं संन्यासी.

-किसी को क्रिकेट में इंट्रेस्ट तो कोई कबड्डी और कुश्ती का है दीवाना

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PRAYAGRAJ: कुंभ में साधु-संतों के विविध रूप देखने को मिल रहे हैं। अध्यात्म की अलख जगाने के साथ-साथ संत खेलकूद की दुनिया में गजब का इंट्रेस्ट रखते हैं। कोई क्रिकेट का दीवाना है तो किसी को कबड्डी और कुश्ती जैसे खेलों को देखने में आनंद आता है। कई लोग सिर्फ योग से ही खुद को फिट रखने की बात करते हैं।

महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज
जन कल्याण सेवा आश्रम समिति प्रमुख महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज को कुश्ती बहुत पसंद हैं। वह बताते हैं कि बचपन से वह खुद कुश्ती प्लेयर रहे हैं। हरियाणा की फोगट सिस्टर्स के खेल के वह बहुत बड़े प्रशंसक हैं। महावीर सिंह फोगट ने जिस तरह अपनी बेटियों को कुश्ती जैसे खेल में आगे बढ़ाया उनको वह प्रणाम करते हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह दोनों बहनों का खेल देखने गए थे। इसके अलावा खुद भी वह कुश्ती को प्रमोट करते हैं। उनका कहना है कि स्पो‌र्ट्स हमारी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित करता है।

महामंडलेश्वर प्रखर महाराज
महामंडलेश्वर प्रखर महाराज भी क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों को पसंद करते हैं। वह बताते भी हैं कि आध्यात्म के बाद सबसे अधिक रुचि और आनंद उनको स्पो‌र्ट्स में ही आता है। वजह, स्पो‌र्ट्स शारीरिक मजबूती देने के साथ ही विल पावर भी मजबूत करता है। कोई भी स्पो‌र्ट्स परसन ब तक अपना विल पावर मजबूत नहीं करेगा, वह बढि़या परफार्म नहीं कर पाएगा। क्रिकेटमें पसंदीदा स्पो‌र्ट्स परसन के बारे में पूछने पर वह बताते हैं कि कपिल देव उनके पसंदीदा खिलाड़ी हैं। वह कपिल देव को 1983 व‌र्ल्ड कप के समय से पसंद करते रहे हैं। नए क्रिकेटर्स की बात करने पर वह बताते हैं कि उन्हें सचिन और विराट कोहली भी बेहद पसंद हैँ।

श्री महंत ऋषिदास
श्रीमहंत ऋषिदास फुटबॉल और क्रिकेट के दीवाने हैं। वह बताते हैं कि फुटबॉल और क्रिकेट दोनों ही खेलों में पूरे शरीर का प्रयोग होता है। इससे एक्सरसाइज हो जाती है और शरीर स्वस्थ रहता है। क्रिकेट में वह सबसे अधिक दीवाने सुनील गावस्कर, सचिन और महेन्द्र सिंह धोनी के हैं। उन्होंने कहाकि क्रिकेट देखने के साथ-साथ इन्हें लोगों के जीवन से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। सचिन ने भी लंबे संघर्ष के बाद जहां विश्व क्रिकेट में अपना अलग मुकाम बनाया। ठीक उसी प्रकार धोनी ने भी संघर्ष के बाद सफलता की इबारत लिखी। ऐसे में युवाओं को इन खिलाडि़यों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

 

 

Posted By: Inextlive