दुनिया का सबसेे बड़ा आयोजन कुंभ 2019 पहले शाही स्नान के साथ प्रयागराज में शुरू हो चुका है। मंकर संक्रांति के मौके पर आखाड़ों ने सुबह करीब 6 बजे से ही संगम में पवित्र डुबकी लगानी शुरू कर दी है।


कानपुर। शाही स्नान से पहले नागा साधुओं ने अपने अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन के साथ गंगा और यमुना के पवित्र संगम पर डुबकी लगाई और इसी के साथ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन कुंभ का आरंभ हो गया।शाही स्नान में सभी अखाड़ों को अलग-अलग समय दिया गया है। शाही स्नान शाम तक होगा। एक अखाड़े को स्नान के लिए 45 मिनट का समय दिया गया है।कुंभ मेला में स्नान और कल्पवास मुख्य आयोजन होते है।मौनी अमावस्या को कुंभ मेला का चरम होता है। यह शाही स्नान इस मेले का सबसे बड़े महत्व वाला होता है।15 जनवरी को मकर संक्रांति से यह यह मेला शुरू हो गया है।
मकर संक्रांति को पहला शाही स्नान होता है।4 मार्च को महाशिवरात्री के मौके पर अंतिम शाही स्नान होगा। इसी के साथ कुंभ मेले का समापन हो जाएगा।महंत लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का किन्नर अखाड़ा पहली बार कुंभ मेला में आया है।


किन्नर अखाड़े का जूना अखाड़े में विलय हो गया है। दोनों अखाड़ों के साधु एक साथ शाही स्नान करेंगे।महिलाओं के लिए परी अखाड़ा को बड़ी जद्दोजहद के बाद मान्यता मिली थी।कुंभ मेले में श्रद्वालु सवा महीने तक कल्पवास करते हैं। इस दौरान वे स्नान ध्यान और दिन में एक बार भोजन ग्रहण करते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh