वीआईपी आगमन से लेकर शौचालय पेंट माई सिटी शटल बस सफाईकर्मी की संख्या में आदि में स्थापित हुए कीर्तिमान.

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PRAYAGRAJ: कुंभ-2019 कई मामलों में यादगार रहा। सुविधाओं से लेकर साज-सज्जा तक अनेक मामलों में मेला प्रशासन के प्रयासों ने कई रिकार्ड बनाए हैं। कुछ चीजें अपने आप अलग श्रेणी में दर्ज हो गई। चाहे वीआईपी विजिट के आंकड़े हों या फिर मेले में लगाए गए शौचालयों की संख्या। तीन विश्व रिकार्ड वैसे भी मेला प्रशासन अगले तीन दिनों में बनाने जा रहा है। कुल मिलाकर चार मार्च को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक कई और मिरेकल सामने आ सकते हैं। आइए जानते हैं कि मेले के कुछ ऐसे काम जो खुद में एक रिकार्ड बन गए हैं।

1.22 लाख शौचालय
कुंभ मेले में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए पहली बार 1.22 लाख शौचालय लगाए गए। यह अलग-अलग प्रकार थे और कुल 13 वेंडर्स ने इसकी सप्लाई की। ऐसा करके सरकार ने मेले में खुले में शौच को खत्म करने का प्रयास किया। साथ ही मेले में 20 हजार यूरिनल भी स्थापित किए गए थे।

22 हजार सफाईकर्मी व स्वच्छाग्रही
मेला साफ-सुथरा रखने के लिए पहली बार 10 हजार सफाईकर्मियों की तैनाती की गई थी। यह अब तक मेले में लगाई जाने वाली सर्वाधिक बड़ी संख्या है। ऐसे बात करें तो कुल 22 हजार की संख्या में सफाईकर्मी और स्वच्छाग्रही दोनों शामिल थे। अब यह सफाईकर्मी एक साथ मेला एरिया में स्वच्छता अभियान चलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे।

500 शटल बसें श्रद्धालुओं के लिए
शहर के बाहर बने पार्किंग स्थलों से श्रद्धालुओं को लाने के लिए पहली बार बड़ी संख्या में शटल बसें लगाई गई थीं। इनकी संख्या 500 थीं। इनको भी विश्व रिकॉर्ड में शामिल किया जा रहा है। शहर के पांच बड़े एंट्री प्वॉइंट्स पर इन बसों को तैनात किया गया था।

06 हजार कलाकारों ने रंग दिया शहर
मेले की शुरुआत में ही शहर की तमाम इमारतों की दीवारों को पेंट माई सिटी के तहत सजाया गया था। इन पर कई पौराणिक कथाओं सहित महापुरुषों के चित्रों को उकेरा गया था। इस अभियान में लगाए गए 6 हजार आर्टिस्ट्स एक साथ संगम की धरती पर चित्रकारी कर खुद को विश्व रिकार्ड में शामिल कराने जा रहे हैं।

3.5 हजार वीआईपी और 500 से अधिक विजिट
वीआईपी विजिट कराने में कुंभ मेला पिछले सभी मेलों में नंबर वन रहा। मेले में अब तक साढ़े तीन हजार वीआईपी आ चुके हैं। इनकी करीब 500 विजिट कराई गई हैं। मेला अभी 4 मार्च तक चलेगा तब तक कई वीआईपी विजिट कर सकते हैं। 24 जनवरी को 2652 अप्रवासी भारतीय, 22 फरवरी को 180 विदेशी डेलीगेट्स और शुरुआत में 71 देशों के राजनयिकों ने मेले का भ्रमण किया।

03 लाख कपड़े 30 दिन में
श्रद्धालुओं को स्वच्छता का संदेश देने के लिए व्हील की ओर से मेले में 30 दिन के भीतर 30 हजार श्रद्धालुओं के तीन लाख कपड़ों को धुला गया। इसके लिए साइकल्स तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। यह अभियान लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहा। कपड़ों की धुलाई फ्री ऑफ कॉस्ट की गई थी।

03 हजार टॉवेल्स, 05 लाख तक पहुंच
श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद ठंड और इंफेक्शन से बचाने के लिए वेल स्पन ने पहली बार तीन हजार टॉवेल्स का फ्री ऑफ कॉस्ट वितरण किया। इनको चेंजिंग रूम और पुलिस बूथों में रखा गया था। इन टॉवेल्स के जरिए पांच लाख श्रद्धालुओं तक पहुंच बनाकर उन्हें डिफरेंट मैसेज दिया गया।

22.5 करोड़ ने दी कुंभ में दस्तक
कुंभ मेले में सर्वाधिक रिकॉर्ड आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या रही। आंकड़ों पर जाएं तो बसंत पंचमी तक संगम की धरती पर 22.5 करोड़ लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई थी। सर्वाधिक श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या के पर्व पर स्नान किया था।

2000 चेंजिंग रूम, महिलाओं के लिए
यह चेंचिंग रूम सभी घाटों पर बनाए गए थे, जिनमें महिलाएं आसानी से अपने कपड़े बदल सकें। शासन का यह कदम काफी कारगर सिद्ध हुआ। इससे घाटों पर ईव-टीजिंग की घटनाओं में जबरदस्त कमी आई। साथ ही महिलाओं ने बिना किसी संकोच के गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ कमाया।

हमारी ओर से कुंभ में कोई कसर नही छोड़ी गई। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी इंतजाम किए गए। कुछ चीजे हैं जो जबरदस्त रही और उनका परिणाम भी बेहतर रहा।
- विजय किरन आनंद,मेलाअधिकारी

 

 

Posted By: Inextlive