किसी नागा सन्यासी ने तीस साल से नहीं धुला बाल तो किसी की जटा हो गई काया से लंबी

भष्म को ही मानते हैं सबसे बड़ी दवाई, ठंड भगाने के लिए भी लगाते हैं राख

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कुंभ के रंग हजार हैं। यहां हर तरह के लोगों को संगम हुआ है। कड़ाके की ठंड में कोई विभूति की राख में लिपटा है तो कोई काया से लंबे बालों को जूड़ा बनाए बैठा है। जटा को न धुलने और बालों को सुलझाए बिना प्रयाग राज में तपस्या कर रहे नागा साधुओं की तो बात ही जुदा है। अखाड़े की धुनी वाली राख से डैंड्रफ दूर करने वाले बाबा पूरी रात विभूती के सहारे तप करते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जट को लेकर कई बाबा से बात की तो पता चला कि गृहस्थ आश्रम वालों की तरह उन्हें बाल कभी परेशान नहीं करते हैं। यही कारण है कि वह बाल के जाल को जंजाल नहीं बलकि समपर्ण मानते हैं।

30 साल से नहीं सुलझाए जटा के बाल

श्री पंचदशनाम आवाहन आखाड़ा 13 मढ़ी सोरो परिवार के नागा महंथ भोला गिरि जी महाराज किशोर अवस्था से ही नागा बन गए हैं। कुंभ में हमेशा वह आते हैं। 15 साल की उम्र से ही उन्होंने अपनी जटा को नहीं धुला है। धूल, मिट्टी, बालू पानी कुछ भी हो, बालों को वह कभी सुलझाने की कोशिश ही नहीं करते। बाबा का मानना है कि जटा ही उनकी तप का बड़ा हिस्सा है और वह बिना नहाए भी अपनी इच्छा शक्ति से बालों को जू व डैंड्रफ से मुक्त रखते हैं। बस अखाड़ा की धुनी की राख बालों में लगती रहे सब ठीक हो जाता है।

जटिल हो गई है जट

नागा भोला गिरि की जट काफी जटिल हो गई है। बाल सब आपस में चिपक गए हैं और अब उन्हें सुलझाना भी संभव नहीं है। नागा का कहना है कि वह अपनी जट को खोल दें तो जमीन तो चलना मुश्किल हो जाए। उनका कहना है कि अखाड़ा के हर नागा को ऐसे ही होता है वह अपनी जट को धुनी की राख से ही शुद्ध किए रहते हैं। जिस तरह से राख से शरीर की ठंड शांत होती है उसी तरह बालों की भी हर समस्या सही हो जाती है।

चार साल की उम्र से प्रताप नागा ने नहीं सुलझाई लट

प्रताप नागा बाबा भी कुंभ में जटाओं वाले बाबा के नाम से चर्चा में है। उनके बाल तो काफी चिपक गए हैं और अब तो देखने से भी प्लास्टिक के लगते हैं। बाबा का कहना है कि वह चार साल की उम्र में थे तभी उनके घर वालों ने उन्हें नागा बनाने के लिए अखाड़े को दे दिया था। छत्तीसगढ़ से आए इस बाबा ने भी चार साल की उम्र के बाद कभी बालों में कंधा नहीं फेरा है। वह न तो बाल में तेल लगाते हैं और न ही साबुन शैम्पू बस गंगा का पानी पड़ जाता है और धुनी की राख से सब कुछ ठीक हो जाता है।

गंगा नागा बाबा की काया से लंबी चोटी

गंगा नाबा बाबा तो अपने बारे में कुछ खास बताने को तैयार नहीं हुए लेकिन कई बार कुरेदने पर इतना बताया कि उनका प्रण सिर्फ सनातन धर्म की रक्षा हो लेकर है। वह दिन रात बस इसी के लिए तप करते हैं। उनका कहना है कि बचपन से ही वह नागा हैं। बालों को बस वैसा ही छोड़ देते हैं जैसे वह हैं। न सैम्पू न साबुन और न ही कोई तेल केिमकल इसके बाद भी जुएं डैंड्रफ का कभी नामो निशान नहीं होता है। कुंभ में गंगा नागा बाबा भी खूब फेमस हैं काया से बड़ी जटा को को देख हर कोई उनके पास सेल्फी के साथ आर्शीवाद लेने आता है।

Posted By: Inextlive