-श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा को डेढ़ घंटे करना पड़ा इंतजार

संत-महात्माओं ने समरसता की पेश की अनोखी मिसाल
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PRAYAGRAJ: कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर भी अखाड़ों को इंतजार करना पड़ा। लेकिन पहले शाही स्नान की तरह एक बार फिर संतों ने समरसता की अद्भुत मिसाल पेश की। इस बार भी श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा को स्नान से पहले अपनी छावनी के बाहर डेढ़ घंटे तक परेशान होना पड़ा। लेकिन परिस्थितियां मकर संक्रांति से इतर थी। त्रिवेणी डाउन पुल नंबर चार के नीचे से श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा केसाथ किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वरों की सवारी शाही स्नान के लिए धीरे-धीरे जा रही थी। देर होने के बावजूद आवाहन व अग्नि अखाड़ा के संत-महात्मा समरसता दिखाते हुए शांति के साथ खड़े रहे। वे अपने शिष्यों से लगातार यही कह रहे थे कि पहले किन्नर अखाड़ा चला जाएगा उसके बाद ही हम यहां से रवाना होंगे।

संयुक्त सवारी से डेढ़ घंटे का इंतजार
दूसरे शाही स्नान पर्व पर जूना अखाड़ा व किन्नर अखाड़ा ने संयुक्त रूप से शाही स्नान के लिए सवारी निकाली। मेला प्राधिकरण की ओर से जूना अखाड़ा को सुबह सात बजे का समय शिविर से प्रस्थान के लिए निर्धारित किया गया था। संयुक्त शाही स्नान के लिए जाने की वजह से किन्नर अखाड़े को पहुंचने में देर हो गई। स्थिति यह हो गई कि सुबह आठ बजे घाट पर अखाड़ों का आगमन हो जाना चाहिए था। लेकिन उस समय जूना के साथ किन्नर अखाड़े की सवारी वीवीआईपी मार्ग से निकलना शुरू हुई। उस समय आवाहन अखाड़ा व अग्नि अखाड़ा के संत-महात्मा त्रिवेणी डाउन पुल के सामने से लेकर अपनी-अपनी छावनी तक खड़े होकर इंतजार कर रहे थे।

इंतजार बढ़ा तो प्रशासन ने बढ़ाया घेरा
निर्धारित क्रम से एक घंटे ज्यादा इंतजार करने पर पुलिस प्रशासन के हाथ-पाव फूलने लगे। इसे देखते हुए आवाहन अखाड़ा व अग्नि अखाड़ा के रथों पर सवार संत-महात्माओं के इर्दगिर्द सीमा सुरक्षा बल व केन्द्रीय रिजर्व पुलिस के जवानों को रस्सी के बेड़े के साथ मुस्तैद कर दिया गया। ताकि किसी भी प्रकार के बवाल को नियंत्रित किया जा सके। जूना व किन्नर अखाड़े की शाही सवारी सुबह साढ़े आठ बजे जैसे ही वीवीआईपी मार्ग से संगम की ओर जाने लगी। वैसे ही पीछे-पीछे आवाहन व अग्नि अखाड़ा के संत-महात्माओं का काफिला भी चलने लगा। इस दौरान जूना अखाड़ा के संरक्षक हरी गिरी खुद वीवीआईपी मार्ग पर पैदल चलकर संत-महात्माओं को नियंत्रित कर रहे थे।

अंतिम अखाड़े ने भी किया इंतजार
निर्धारित क्रम के अनुसार श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संत-महात्माओं को अपनी छावनी से दोपहर 2.40 बजे शाही स्नान के लिए संगम नोज जाना था। लेकिन संगम नोज पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संत-महात्माओं द्वारा धरना देने की वजह से इस अखाड़े को शाम चार बजे तक अपनी छावनी के बाहर ही इंतजार करना पड़ा। बड़ा उदासीन के संतों द्वारा धरना देने की बड़ी वजह यह रही कि उनकी शाही सवारी के बीच किसी दूसरे अखाड़े के तीन-चार साधु घुस गए। इस वजह से वहां हंगामा खड़ा हो गया। इसकी जानकारी मिलने पर डीआईजी कुंभ केपी सिंह मौके पर पहुंचे और संत-महात्माओं को समझा बुझाकर शांत कराया। इसके बाद स्थिति सामान्य हुई तो निर्मल अखाड़े के संत-महात्मा शाही स्नान के लिए संगम पहुंचे।

 

 

Posted By: Inextlive