कुशीनगर में बृहस्‍पतिवार को सुबह मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन से स्‍कूल वैन टकरा गई और देखते ही देखते मौके पर 13 मासूमों ने दम तोड़ दिया। पीछे रह गए जिम्‍मेदार लोगों की वो लंबी चौड़ी फौज जिनके कंधों पर उन बच्‍चों की सुरक्षा का भार था। आइए जानते हैं कौन हैं वो सब...


gorakhpur@inext.co.inगोरखपुर।  इस घटना की शुरुआती जांच के बाद कहना गलत न होगा कि 13 स्कूली बच्चों की जान सिस्टम की नाकामी की वजह से चली गई...1- रेलवे : मानवरहित क्रासिंग खत्म न करने का जिम्मेदारएक ओर हम देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में हैं, लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी मानवरहित क्रॉसिंग पर लोगों की जान जा रही है।2- आरटीओ : अनदेखी करने चालकों के खिलाफ कार्रवाई न करने का जिम्मेदारवैन में क्षमता से ज्यादा 25 बच्चे बैठे थे। आरटीओ के अफसर ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान क्यों नहीं चलाते।3- पुलिस : यातायात उल्लंघन पर कार्रवाई न करने के लिए जिम्मेदारड्राइवर की उम्र भी सवालों के घेरे में है। ऐसे में पुलिस चेकिंग कर इन्हें क्यों नहीं पकड़ती।4- शिक्षा विभाग : अवैध स्कूलों को न रोक पाने के लिए जिम्मेदार


अवैध रूप से बिना मान्यता स्कूल चल रहा हो और शिक्षा विभाग आंख-कान बंद करके बैठा रहे, मिलीभगत के बिना ऐसा संभव नहीं।5- पैरेंट्स : बच्चों को खतरनाक परिस्थितियों में स्कूल भेजने के जिम्मेदारअंत में जिम्मेदारी पैरेंट्स की भी कम नहीं है। जो अपने बच्चों को खतरनाक परिस्थितियों में भगवान भरोसे स्कूल जाने देते हैं।प्रिंसिपल अरेस्ट, बीएसए सस्पेंड

मुख्यमंत्री ने दुर्घटना के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए कुशीनगर के बीएसए, दुदही के खण्ड शिक्षा अधिकार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आरटीओ इन्फोर्समेंट व परिवहन विभाग के यात्री कर अधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। बिना अनुमति स्कूल संचालन पर स्कूल के मैनेजर व प्रिंसिपल पर एफआईआर दर्ज होगी। वंशीधर विद्यालय की जांच भी की जेाएगी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh