-काशी विद्यापीठ में मात्र 100 रुपये में एससी/एसटी के स्टूडेंट्स का हुआ था एडमिशन

-फीस रिम्बर्समेंट न आने से नहीं जमा हुआ बकाया फीस, अब एडमिट कार्ड रोकने की चेतावनी से परेशान

VARANASI

फीस रिम्बर्समेंट के फेर में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अध्ययनरत एससी/एसटी के स्टूडेंट्स का एडमिशन फंस गया है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐसे छात्रों को दो दिनों के अंदर बकाया फीस न जमा करने पर एडमिट कार्ड रोकने की चेतावनी दी है। इसे लेकर एससी/एसटी के स्टूडेंट्स में नाराजगी है। उन्होंने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से धरना-प्रदर्शन करने की परमिशन मांगी है। इन स्टूडेंट्स का कहना है कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार एससी/एसटी के स्टूडेंट्स का एडमिशन मात्र 100 रुपये में हुआ था। ग्रेजुएशन के एनुअल एग्जाम की डेट घोषित होने के बाद दो दिनों के अंदर बकाया फीस जमा करने का निर्देश देना उचित नहीं है। क्योंकि शासन से फीस रिम्बर्समेंट अब तक नहीं मिला है।

रिजल्ट रोकने का सुझाव

एससी/एसटी के कई छात्र आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। इनके लिए दो दिनों के अंदर फीस जमा करना संभव नहीं है। ऐसे में एन छात्रों ने एडमिट कार्ड रोकने के बजाय फीस न जमा करने पर रिजल्ट रोकने का सुझाव दिया है। साथ ही लास्ट ईयर की तरह इस साल भी सशर्त एग्जाम में बैठने की अनुमति देने का अनुरोध किया है ताकि साल बर्बाद न हो सके। वहीं यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि एग्जाम में फेल होने पर स्टूडेंट फीस नहीं जमा करते हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी को प्रतिवर्ष लाखों रुपये का नुकसान होता है। क्योंकि फीस रिम्बर्समेंट अब सीधे स्टूडेंट्स के अकाउंट में आता है। बहरहाल शासन की लापरवाही का खामियाजा एससी/एसटी के छात्र भुगत रहे हैं।

Posted By: Inextlive