-परिवहन विभाग की लैकनेस से रोड से आउट हो गई लेडीज स्पेशल सखी

-और अब यूपी रोडवेज महिलाओं के लिए चलाने जा रहा है पिंक बस सेवा

LUCKNOW@inext.co,in

LUCKNOW: रोडवेज का भी अजब हाल है, छोटी राजधानी लखनऊ में तो रूठी 'सखी' को मना नहीं पाए और अब बड़ी राजधानी तक 'सखी' को लुभाने के लिए पिंक सर्विस का भी दांव चल दिया है। असल में यूपी रोडवेज ने महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर पिंक बस सर्विस स्टार्ट करने जा रहा है। दिल्ली तक वाली बस में सिर्फ महिलाएं ही सफर कर सकेंगी। ऐसे में सखी बस सर्विस का बरसों पहले हाल देखने के बाद ये आशंका बढ़ गई है कि कहीं पिंक सर्विस भी बस नाम की न रह जाए।

छह महीने में ही फूल गया था सखी का दम

राजधानी में 2011 में सखी बस चलाई गई थी। इसमें सिर्फ महिलाओं को चलने की छूट थी। सुबह और शाम बस का संचालन सचिवालय के पास से किया जाता था। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसमें लेडी कंडक्टर की तैनाती भी की गई। लेकिन सखी बस सेवा छह महीने के अंदर ही बंद हो गई।

फरवरी लास्ट में पिंक सेवा

परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो फरवरी के लास्ट वीक में पिंक बस सेवा शुरू की जाएगी। यह बस लखनऊ से दिल्ली तक चलेगी। इसमें सिर्फ महिलाओं को सफर करने की छूट होगी और इसमें लेडी कंडक्टर भी होगी। हफ्ते में सिर्फ दो दिन इसका संचालन किया जाएगा। इसमें सीसीटीवी कैमरा लगा होगा, जो कि डायरेक्टर परिवहन निगम के मुख्यायल से कनेक्ट होगा।

राजधानी में ठेंगे पर व्यवस्था

राजधानी में महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने के लिए सभी सिटी बसों के बीच में एक रेड लाइन भी खींची गई है। रेड लाइन के आगे की सीट महिलाओं के लिए रिजर्व है। लेकिन हकीकत अलग है, यहां भी बेरोकटोक जेंट्स जमे रहते हैं। सिटी बसों में महिलाओं के लिए आगे से चढ़ने की व्यवस्था की गई है, जबकि पीछे के गेट से जेंट्स की। इसके लिए बसों में प्रतीक चिन्ह भी बनाए गए। लेकिन पालन नहीं होता है। ड्राइवर्स ने बताया कि वे तो पैसेंजर्स को मना भी करते हैं लेकिन लड़ाई पर आमादा हो जाते है। ऐसे में हम बस चलाएं या लड़ाई करें।

कोट

सखी बस इनकम ना होने से बंद कर दी गई थी। रही बात सिटी बसों में महिलाओं की सुरक्षा की तो उनका पूरी तहर से पालन हो रहा है। पिंक बस में महिलाओं के चलने की उम्मीद है। उनके लिए यहच्अच्छा साधन होगी।

ए। रहमान, लखनऊ महानगर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड

महिलाओं को सुविधा देने की बात की जा रही है। देखते हैं किकितनी सफलता मिलती है। उम्मीद है किच्अच्छा रिस्पांस मिलेगा।

एचएस गाबा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन)

आए दिन होने वाली छेड़छाड़ की घटनाएं सिटी में होती है। यहां पर चलने वाली सखी बस सेवा बंद कर दी गई। जबकि वह महिलाओं के लिएच्अच्छी सेवा रही है।

अल्पना बताती, हाउसवाइफ

महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई तैयारियां तो हो जाती है लेकिन जो पहले नियम बने हैं, उनको देखने वाला कोई नहीं। पुराने नियमों पर ही कड़ाई से पालन हो तो वहीं बहुत है।

प्रियंका,स्टूडेंट

सुरक्षा तो सर्वोपरि है। इसमें नफा नुकसान नहीं देखना चाहिए था। आज के समय सखी बस सेवा जरूरी है।

असद, प्राइवेट जॉब

महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर नए काम तो शुरू हो जाते हैं लेकिन जल्द ही उन्हें बंद भी कर दिया जाता है। सखी बस सेवा के साथ भी ऐसा ही हुआ।

गीता, हाउसवाइफ

Posted By: Inextlive