- शिक्षक की नवरात्र में होने वाली थी रिंग सेरेमनी

- दो दोस्तों की मदद से भाई की चाकू से रेती गर्दन

- सीसीटीवी कैमरे का तार तोड़ते कैद हुआ हत्यारा भाई

शिक्षक की नवरात्र में होने वाली थी रिंग सेरेमनी

- दो दोस्तों की मदद से भाई की चाकू से रेती गर्दन

- सीसीटीवी कैमरे का तार तोड़ते कैद हुआ हत्यारा भाई

LUCKNOW

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इंदिरानगर डी ब्लॉक में प्राइमरी शिक्षक की सगे भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर गर्दन रेतकर कर हत्या कर दी। शिक्षक की दो सप्ताह बाद रिंग सेरेमनी होनी थी। वहीं पांच सिंतबर को पिता ने दोनों भाइयों के बीच जमीन जायदाद का बंटवारा किया था। जमीन के लालच में छोटे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस के हाथ घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से अहम सुराग मिले, जिसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक कड़ी जोड़कर तीन घंटे में मामले का खुलासा कर दिया। साथ ही हत्यारे भाई और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया।

पिता ने देखा बेटे का रक्त रंजित शव

एसपी टीजी हरेन्द्र कुमार ने बताया कि गाजीपुर थाने के डी ब्लॉक स्थित आवास विकास कॉलोनी में हरदोई प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक मनीष सिंह (फ्0) पिता सुरेश और छोटे भाई मुकुंद के साथ रहता था। पिता आवास विकास से रिटायर्ड हैं जबकि छोटा भाई मुकुंद बीएससी का छात्र है। बुधवार को सुरेश अपनी ससुराल उन्नाव गए थे जबकि मुकुंद अपने दोस्त के घर गया था। सुरेश ने रात करीब क्0 बजे मनीष को फोन किया तो उसका मोबाइल बंद मिला। कई बार फोन मिलने पर भी मनीष से संपर्क नहीं हो सका। इस पर वह गुरुवार दोपहर दो बजे वापस लौटे। घर लौटने पर उन्होंने देखा कि दरवाजा पर बाहर से कुंडी लगी थी। वह कुंडी खोलकर अंदर पहुंचे तो उनके होश उड़ गये। घर के बाहरी कमरे और बेड में खून बिखर पड़ा था। मनीष का शव बेड सेनीचे पड़ा था। बेटा का शव देख उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोरगुल की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंच गये और पुलिस को सूचना दी।

फिगर प्रिंट और डॉग स्क्वॉयड ने की जांच

सूचना पर एसपी टीजी, सीओ अलीगंज और गाजीपुर पुलिस समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गयी। पुलिस को छानबीन के दौरान मनीष के गर्दन के बाये हिस्से और शरीर पर धारदार हथियार से वार के कई निशान मिले। वहीं घर के छज्जे की तरफ बना दरवाजा भी खुला था। पुलिस ने छानबीन के लिए मौके पर डाग स्क्वॉयड और फिगर प्रिंट यूनिट को बुलाया। छानबीन के बाद गाजीपुर पुलिस ने मनीष का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग

मनीष जिस तीन मंजिला कॉलोनी में रहता था वहां हर प्लॉट के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। मनीष के फ्लोर पर भी इंट्री और पीछे के हिस्से में करीब तीन से चार कैमरे लगे हैं। घटना के बाद पुलिस ने कैमरे की जांच की तो मनीष के फ्लोर पर लगे कैमरे का तार हटा मिला जबकि नीचे के फ्लोर पर लगे कैमरे में पुलिस को अहम सुराग मिल गये।

कैमरा का तार हटाते समय कैद हुआ

पुलिस को नीचे के फ्लोर में लगे सीसीटीवी की फुटेज में एक शख्स चेहरे पर कपड़ा बांधे हुए कैमरे का तार हटाते हुए कैद मिला। वहीं पुलिस ने आसपास पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले। उन्होंने शक के आधार पर मनीष के छोटे भाई मुकुंद को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। सीओ क्राइम दीपक कुमार सिंह ने बताया कि चंद घंटे की कड़ाई के बाद मुकंद टूट गया और उसने भाई मनीष की हत्या की बात स्वीकार कर ली। इस हत्या में उसके दो दोस्त भी साथ में थे। इंदिरानगर के सर्वोदय नगर में किराए के मकान में रहने वाले अवधेश और आकाश को उसने इस घटना में शामिल किया था। दोनों भूतनाथ मार्केट स्थित एक ज्वैलरी शॉप में काम करते हैं।

चचेरा भाई बताकर तैयार किया हत्या के लिए

पुलिस के अनुसार मुकुंद ने अवधेश और आकाश से मनीष को अपना चचेरा भाई बताया। उसके बाद हत्या के लिए तैयार किया। उसने दोस्तों को बताया कि उसकी मां की मौत का जिम्मेदार मनीष है। करीब चार साल पहले उसकी मां की रोड एक्सीडेंट के दौरान मौत हो गई थी। मां की मौत के बाद वह पिता की सारी जायदाद खुद हड़पना चाहता है। अगर वह उसे रास्ते से हटा देता है तो सारी जायदाद उसकी हो जाएगी और फिर तीनों दोस्त एक साथ मिलकर रहेंगे। इसी लालच में आकर अवधेश और आकाश ने उसका साथ दिया।

दोस्त के घर जाने का बोला था झूठ

मुकुंद ने पुलिस को बताया कि वह रात क्0 बजे घर लौटा तो मनीष शराब पी रहा था। दरवाजा नॉक करने पर मनीष ने दरवाजा खोला। उसने मनीष को मैगी बनाकर खिलायी। मुकुंद ने बताया कि उसने मैगी में नींद की गोली मिला दी थी। मैगी खाने के बाद मनीष सोने चला गया। कुछ देर बाद मुकुंद ने दरवाजा खोला और सीसीटीवी कैमरे का तार निकाल दिया। उसके कुछ देर बाद अवधेश और आकाश भी पहुंच गए। तीनों ने मिलकर सोते हुए मनीष पर हमला कर दिया। धारदार हथियार से उसकी गर्दन और सीने पर कई वार किये। करीब क्क्.ख्0 बजे हत्या को अंजाम देकर अवधेश और आकाश निकल गए। इसके बाद मुकुंद भी बाहर से कुंडी लगाकर निकल गया।

भ् सितंबर को किया पिता ने बंटवारा

पिता सुरेश ने बताया कि भ् सितंबर को ही उन्होंने हरदोई में स्थित ख्0 बीघा जमीन और लखनऊ के मकान का बंटवारा किया था। पुलिस का कहना है कि दोनों भाइयों में बराबर बराबर बंटवारा किया था, लेकिन मनीष के पास सरकारी नौकरी थी। ऐसे में उसे बराबर हिस्सा मिलने पर मुकुंद को यह बात अखर रही थी। जिसके चलते उसने सगे भाई को मौत के घाट उतार दिया।

नवरात्र में होनी थी रिंग सेरेमनी

मनीष के पिता सुरेश ने बताया कि मनीष की शादी एसडीएम सरोजनीनगर की स्टेनो से तय हो चुकी थी। नवरात्र में उनकी रिंग सेरेमनी होनी थी। खुद मनीष अपनी शादी की तैयारियों में लगा था। दो सप्ताह पहले कार्यक्रम होना था, लेकिन लकड़ी पक्ष के परिवार में गमी होने के चलते कार्यक्रम टल गया और नवरात्र में होना तय था।

Posted By: Inextlive