पिछले कुछ महीनों से देश में आईपीएल की धूम थी। रविवार को सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने आईपीएल मैच जीत लिया है। टीम का कप्‍तान और कोच एक आस्‍ट्रेलियन है। दोनों को अंग्रेजी के अलावा कोई और भाषा नहीं आती है। टीम के बॉलिंग कोच श्रीलंकन तमिल बोलने वाले मुरलीधरन हैं। इस टीम को वीवीएस लक्ष्‍मण मेंटर करते हैं। लक्ष्‍मण पूरी टीम और स्‍टाफ में अकेले ऐसे व्‍यक्ति हैं जो हिंदी बोलते हैं। उनकी वजह से ही टीम में सामंजस्‍य बना हुआ है। टीम का स्‍टार पफार्मर बंग्‍लादेशी मुस्‍ताफिजूर रहमान जो आईपीएल मैच में पहली बार आया। जिसे ना ही हिंदी आती है और ना ही अंग्रेजी। वो किसी तरह सब कुछ मैनेज कर लेते हैं। अगर सब कुछ मैनेज करना ही है तो आप आईपीएल जीतने को इन दिनो क्‍या कहेंगे।


17 अगल देशों के खिलाड़ी एक साथ खेलते हैंइंग्लैंड में लैसटर सिटी प्रीफियर लीग ट्रायंफ का स्टाफ फेरीटेल्स से कम नहीं है। इस क्लब का ऑनर एक थाई बिजनेस ग्रुप है। क्लब के खिलाड़ी 17 अलग-अलग राष्ट्रों से हैं। कुछ भी हो यहां ट्रांसलेशन से कुछ नहीं मिलने वाला है। यह फुटबाल की तरह चिन्हित किया जा सकता है। इसमें सब कुछ टेक्नीक्स और पोजीशनिंग से ही होता है। क्लब के मैनजर क्लाडियो रेनियर्स इंग्लिश और इटेलियन बोल सकते हैं जिसे वह अनदेखा नहीं करेंगे। जब मैनेजर अपने खिलाडि़यों से और गोल करने के लिए कहता है तो कोई भी यह नहीं सोचता है कि उसका मतलब थाई वैश्या को गाली देना से है।कोच को होना चाहिए भाषाओं का ज्ञान
भारतीय टीम के लिए दो कोच जो बहुत ही शानदार रहे हैं वो गेरी क्रिस्टन और जॉन राइट हैं। दोनों ही कोच हिंदी नहीं जानते थे। बात अगर रवी शास्त्री की हो तो सिर्फ हिंदी आने की वजह से उन्हें टीम डॉरेक्टर का पद नहीं दिया गया है। क्या सफलता कुछ चीजों पर ही निर्भर करती है। हालांकि वहाँ नौ के बीच में कुछ उचित अंक हैं। एक कोच जो एक प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम नियुक्ति विश्वसनीयता उधार दे देगा पूरी की है। एक बार वह मान्यता प्रभारी विजन दस्तावेज है। जिससे गेहूं को अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह एक ठोस कोचिंग रिकॉर्ड और पिछली सफलताओं भी आवश्यक आवश्यक शर्तें हैं। क्या ये सभी कारण सीधे टीम पर प्रभाव करते है। किन भाषाओं का एक कोच को पता होना चाहिए।

Posted By: Prabha Punj Mishra