अपुन के यहां किरकिट में जो 'अंग्रेजी' है न बाप! बोले तो फुलटुश लोचा
17 अगल देशों के खिलाड़ी एक साथ खेलते हैंइंग्लैंड में लैसटर सिटी प्रीफियर लीग ट्रायंफ का स्टाफ फेरीटेल्स से कम नहीं है। इस क्लब का ऑनर एक थाई बिजनेस ग्रुप है। क्लब के खिलाड़ी 17 अलग-अलग राष्ट्रों से हैं। कुछ भी हो यहां ट्रांसलेशन से कुछ नहीं मिलने वाला है। यह फुटबाल की तरह चिन्हित किया जा सकता है। इसमें सब कुछ टेक्नीक्स और पोजीशनिंग से ही होता है। क्लब के मैनजर क्लाडियो रेनियर्स इंग्लिश और इटेलियन बोल सकते हैं जिसे वह अनदेखा नहीं करेंगे। जब मैनेजर अपने खिलाडि़यों से और गोल करने के लिए कहता है तो कोई भी यह नहीं सोचता है कि उसका मतलब थाई वैश्या को गाली देना से है।
भारतीय टीम के लिए दो कोच जो बहुत ही शानदार रहे हैं वो गेरी क्रिस्टन और जॉन राइट हैं। दोनों ही कोच हिंदी नहीं जानते थे। बात अगर रवी शास्त्री की हो तो सिर्फ हिंदी आने की वजह से उन्हें टीम डॉरेक्टर का पद नहीं दिया गया है। क्या सफलता कुछ चीजों पर ही निर्भर करती है। हालांकि वहाँ नौ के बीच में कुछ उचित अंक हैं। एक कोच जो एक प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम नियुक्ति विश्वसनीयता उधार दे देगा पूरी की है। एक बार वह मान्यता प्रभारी विजन दस्तावेज है। जिससे गेहूं को अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह एक ठोस कोचिंग रिकॉर्ड और पिछली सफलताओं भी आवश्यक आवश्यक शर्तें हैं। क्या ये सभी कारण सीधे टीम पर प्रभाव करते है। किन भाषाओं का एक कोच को पता होना चाहिए।