PATNA : अपने हक को लेकर लडऩे चले थे. शांति की राह में बातें कहते कहते 12 दिन बीत गए लेकिन स्टेट कांट्रैक्ट वाले टीचर्स की बातें किसी ने नहीं सुनी. आखिरकार मंगलवार को आंदोलन उग्र हुआ. लेकिन इस उग्रता का खामियाजा उठाना पड़ा टीचर्स को ही. क्योंकि जब पुलिस की लाठियां बोली टीचर्स को आर ब्लॉक छोड़ कर भागना पड़ा.


दो हफ्ते का शांति से चल रहा आंदोलन आखिरकार उग्र हो ही गया। मंगलवार को पुलिस और कांट्रैक्ट टीचर्स के बीच छिड़ी इस जंग की रणभूमि आर ब्लॉक चौराहा से लेकर न्यू मार्केट स्टेशन गोलम्बर एरिया बनी रही। एक ओर जहां पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं वहीं टीचर्स ने भी जमकर ईंट-पत्थर बरसाए। आलम यह रहा कि जहां पुलिस के 20 जवान घायल हुए वहीं सैकड़ों आंदोलन करने वाले टीचर्स भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जालियांवाला बाग बना वीर कुंवर सिंह पार्क


कुछ भी हो सकता था। एक तरफ पुलिस की बंदूकें और दूसरी तरह आंदोलनकारियों का गुस्सा। सबके सब जीने मरने पर उतारू। जख्मी जवानों का हाल देखकर पुलिस भी अपने तेवर में आ गई। एक तरफ रेलवे क्रॉसिंग तो दूसरी तरफ वीर कुंवर सिंह पार्क में जमे आंदोलनकारी। दोनों ओर से ईंट और पत्थर चलते रहे। पुलिस बीच सड़क पर घिर गई। आखिरकार पुलिस को वीर कुंवर सिंह पार्क का एक गेट तोडऩा पड़ा और अंदर घुसकर लाठियां बरसानी पड़ीं। इस दौरान कई टीचर्स को गंभीर चोटें आईं। कई का सिर फटा। यही नहीं पुलिस के भी कुछ जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। पार्क के अंदर आंदोलनकारी और बाहर पुलिस की बंदूकें। मानों कभी भी गोली चल जाए। इस दौरान पुलिस ने टीयर गैस के गोले खूब दागे। इसके बाद चारो तरफ अफरा तफरी मच गई और आंदोलनकारी गिरते पड़ते भागे। भागते गए और आग लगते गएप्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस की पिटाई से भागते रहे और कई गाडिय़ों को आग के हवाले करते गए। पुल पर एक पुलिस जिप्सी, न्यू मार्केट के पास बीएसआरटीसी की एक बस और एक जिप्सी में आग लगा दी। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां आग को बुझाती रही। आंदोलन के तेवर को देखकर पुलिस ने अपने थाने की पूरी फौज उतार दी। एक दर्जन से अधिक थानों के थानाध्यक्ष और सैकड़ों पुलिसकर्मी सड़कों पर उतर चुके थे। डीआईजी सुनील कुमार, सीनियर एसपी अमृत राज, सिटी एसपी जयंत कांत सहित कई डीएसपी ने मोर्चा संभाल रखा था। थोड़ी देर बाद ही डीएम एन सरवण कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए। देर रात तक सभी ऑफिसर घटनास्थल पर डटे रहे। हालांकि आंदोलनकारी टीचर भी इधर उधर देर रात तक छिपे रहे। कुछ का इलाज हो रहा था। इस बीच पुलिस ने सैकड़ों की संख्या में आंदोलन कर रहे टीचर्स को अरेस्ट कर जेल भेजा।डाकबंगला पर भी खौफनाक मंजर

आर ब्लॉक चौराहे पर टीचर्स के अलावा कई संगठन का आंदोलन कई दिनों से चल रहा था। हर दिन हो रहे प्रदर्शन और चल रही असेम्बली को डिस्टर्ब करने की आशंका से पुलिस डरी थी। मंडे की देर रात आखिरकार आंदोलनकारी टीचर्स को वहां से हटा दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की गई। पुलिस ने जबरदस्ती उस जगह को खाली करा दिया। इसी का नतीजा था कि सुबह से ही प्रदर्शनकारी फिर से आंदोलन को धार देने में लग गए। सुबह से ही दुबारा जुटने लगे थे टीचर्स। आखिरकार दोपहर 12 बजे गांधी मैदान, जेपी गोलम्बर से लेकर डाकबंगला चौराहे को बिल्कुल पैक कर दिया। ट्रैफिक बिल्कुल ठपढाई घंटे तक डाकबंगला चौराहा से कोई गाड़ी नहीं गुजरी। 12 बजे से लेकर ढाई बजे तक यही हाल रहा। आखिरकार पुलिस ने इन लोगों को स्टेशन होते हुए आर ब्लॉक चौराहा की ओर घुमाया। लेकिन तीन बजे होते-होते आंदोलन तेज हो गया और आर ब्लॉक पर जो हुआ वह दिल दहलाने वाला था। कुछ भी हो सकता था।

Posted By: Inextlive