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क्या होती है फेक लॉफिंग और कैसे करती है ये हमारी मदद? ये सवाल आपके मन में भी होंगे. जानिए इनके जवाब...
दरअसल योगा लॉफ्टर इस साइंटिफिक फैक्ट पर बेस्ड है कि बॉडी फेक हंसी और रीयल हंसी में फर्क नहीं समझ पाती. इसलिए बिना वजह हंसने पर भी असली हंसी के पूरे फायदे आपको मिलते हैं. रिसर्चेज के मुताबिक 10 से 20 मिनट की रीयल हंसी बॉडी पर पॉजिटिव असर छोड़ती है.फेक हंसी से मन कैसे खुश हो सकता है?
दरअसल बॉडी और माइंड एक-दूसरे से पूरी तरह जुड़े होते हैं. माइंड में जो कुछ चलता है उसका असर बॉडी पर होता है. अगर कोई डिप्रेशन में है तो उसकी बॉडी भी डिप्रेस्ड दिखेगी. वह धीरे-धीरे चलेगा. धीमी-धीमी बाते करेगा और बॉडी फंक्शन भी स्लो हो जाएंगे. ठीक वैसे ही जैसे बॉडी में जो कुछ होता है उसका असर माइंड पर पड़ता है. हंसने या हंसने जैसी कोई भी एक्टिविटी से मन खुश हो जाता है. लाफिंग के दौरान बॉडी को ऑक्सीजन ज्यादा कैसे मिलता है?ब्रीदिंग के दौरान हम 500 से 700 एमएल एयर अंदर लेते हैं और करीब इतना ही बाहर छोड़ते हैं, लेकिन हमारे लंग्स में 2500 से 2700 एमएल एयर नॉर्मली बने रहते हैं. इसे रेसिडुअल एयर कहते हैं, हंसने के दौरान रेसिडुअल एयर बाहर आता है जिससे कुछ फ्रेश एयर और ऑक्सीजन लंग को मिल जाता है. इस तरह एक साइकिल बन जाती है जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है.
हंसने से न सिर्फ मन को रिलैक्स मिलता है बल्कि बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन भी फास्ट हो जाता है. रोजाना लाफ्टर योगा करने से बॉडी की मसल्स भी पूरी तरह एक्टिव हो जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है जो कि हेल्थ के लिए काफी अच्छा होता है. कुछ देर किया हुआ लाफ्टर योगा पूरे दिन बॉडी को फिजीकल और मेंटल स्ट्रेस से फ्री रखता है. हंसने से बॉडी रिलैक्सेशन के साथ ही माइंड भी रिलैक्स हो जाता है. इसलिउ रोजाना कुछ देर समय निकालकर हर किसी को लाफ्टर योगा जरूर करना चाहिए.