चीन के न्याय मंत्रालय ने कहा है कि अब वकीलों को भी सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति सत्य निष्ठा की शपथ लेनी होगी.

ऐसा पहली बार होगा जब वहां के वकीलों को सत्ताधारी पार्टी के प्रति सत्य निष्ठा दिखानी होगी। जो भी वकील अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना चाहते हैं या फिर जिन्हें पहली बार यह डिग्री दी जा रही है, उन्हें देश और राजसत्ता के प्रति अपनी निष्ठा दिखानी ही होगी।

आलोचकों का कहना है कि सरकार के इस कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है और ये अनुचित भी है। हालांकि न्याय मंत्रालय का मानना है कि पार्टी के प्रति सत्यनिष्ठा के शपथ लेने से वकीलों के राजनैतिक, व्यावसायिक और नैतिक मानदंड में बढ़ोत्तरी होगी।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार न्याय मंत्रालय ने इस काम की जिम्मेदारी कुछ संस्थाओं को सौंपी है जो वकीलों को संस्थाओं से पास करने के तीन महीने के भीतर सत्य निष्ठा का शपथ दिलवाएगी।

अगले साल नेतृत्व परिवर्तन

वकीलों को सत्य निष्ठा की शपथ दिलाने की जरूरत उस महत्वपूर्ण राजनीतिक पड़ाव पर आया है, जब वहां के कम्युनिस्ट पार्टी में अगले साल होने वाले हर दस साल के बाद नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी चल रही है।

हाल के कुछ वर्षों में चीनी हुकूमत ने उन वकीलों पर काफी दवाब बनाया है, जिन्होंने राजनैतिक रूप से संवेदनशील मुकदमे की पैरवी की है।

पिछले साल जिन वकीलों ने सरकार की आलोचना करने वाले लोगों और मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के मुकदमें लड़े थे, उनमें डर पैदा करने के लिए या तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए थे या फिर निलंबित कर दिए थे।

वकीलों की जेल भीपिछले साल सरकार से असहमति रखने वासे मशहूर वकील गाओ जीशेंग और नेत्रहीन कार्यकर्ता चेन गुआंगचेंग को गुपचुप रूप से गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में अपने घर में ही नजरबंद कर दिया था।

जीशेंग को फरवरी 2009 में गिरफ्तार कर लिया गया और 2010 के मार्च में कुछ दिनों के लिए छोड़ा गया लेकिन कुछ दिनों के बाद उन्हें फिर से गायब करा दिया गया।

अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुकदमे लड़ने के लिए मशहूर रहे जीशेंग के परिवार वालों को इस साल जनवरी में बताया गया कि उन्हें सुदूर शिनजियांग में किसी जेल में नजरबंद करके रखा गया है।

'बिना जूतों वाले के वकील' के रूप में मशहूर रहे चेन गुआंगचेंग ने सरकार की एक बच्चे की नीति का जमकर विरोध किया था। वे शानडोंग क्षेत्र के लिनी शहर की उन महिलाओं के मुकदमें भी लड़ रहे थे जिसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओं का जबरन गर्भपात कराया गया और फिर नसबंदी कर दी गई थी।

हो रही है आलोचनाबहुत से वकीलों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है और इसे पूरी तरह अनुपयोगी, चक्कर में डालने वाला, बिना किसी कानूनी आधार का बताया है।

एड्स कार्यकर्ताओं के वकील जियांग तियानयोंग को दो महीने के लिए जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने सरकार के इस फैसले को 'आधुनिक समाज के लिए बेतुका' और 'किसी दूसरे देश में कल्पनारहित' बताया है।

एक दूसरे मशहूर मानवाधिकार वकील मो शाओपिंग ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "एक वकील के रूप में आपको सिर्फ कानून का ध्यान रखते हुए अपने मुव्वकिल के लिए ईमानदार होना चाहिए." उन्होंने कहा कि सरकार के प्रति सत्य निष्ठा का शपथ लेने से चीनी कानून व्यवस्था के विकास को धक्का लगेगा।

Posted By: Inextlive