- 11 गन मैन के हाथ में 1800 किलोमीटर पाइप लाइन की जवाबदेही

- लिकेज की प्राब्लम को दूर करने के लिए उठाया जा रहा है ठोस कदम

- लेकिन रांगा की कमी से नहीं दूर की जा सकी है लिकेज की प्राब्लम

PATNA : क्800 किलोमीटर के पाइप लाइन की लिकेज ठीक करने की जवाबदेही फिलहाल क्क् टेक्निकल स्टाफ के कंधे पर दी गयी है। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया है, लेकिन उन छह टेक्निशियन की परेशानी और बढ़ गयी है क्योंकि सिर्फ पांच से छह किलोमीटर में ख्0-ख्भ् जगह पर एक साथ लिकेज की परेशानी बढ़ने लगी है। वाटर बोर्ड के इंजीनियर की मानें तो हर दिन दस से अधिक जगहों से लगातार कंप्लेन आ रही है। क्योंकि अधिक से अधिक पानी की डिमांड की वजह से पाइप पर प्रेशर अधिक पड़ रहा है, लेकिन इसकी मरम्मत टाइम पर नहीं होती है। वाटर बोर्ड के पास क्क् टेक्निकल स्टाफ तो दे दिए गए हैं लेकिन लिकेज की प्राब्लम को कम करने के लिए यहां कोई अरेंजमेंट नहीं है।

पानी में बह रहा पटुआ, रांगा का पता नहीं

फिलहाल वाटर बोर्ड के पास लिकेज की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कुछेक क्विंटल ही पटुआ बचा है। इससे माइनर लिकेज को ही ठीक किया जा सकता है। बड़ी लिकेज की प्राब्लम को दूर करने के लिए रांगा की जरूरत होती है, जो खत्म हो चुका है। इस गर्मी में रांगा की खरीदारी नहीं हो सकी है। इससे परेशानी बढ़ गई है। जानकारी हो कि क्800 किलोमीटर में पाइप लाइन लगाने की योजना को इंप्लीमेंट करने में अभी कई साल लगेंगे, जबकि वर्तमान कंडीशन से लड़ने के लिए निगम व वाटर बोर्ड के पास कोई अरेंजेमेंट नहीं है। वाटर बोर्ड के इंजीनियर बताते हैं कि फिलहाल लिकेज से परेशानी और बढ़ने वाली है।

लिकेज से बड़ी आबादी परेशान

लिकेज की प्राब्लम बेली रोड के दोनों किनारों में है। सबसे अधिक मछली गली और राजाबाजार एरिया में है। कई बार कंप्लेन करने के बाद भी लिकेज ठीक नहीं हो पाई है। इस वजह से मुहल्लों में जाने वाले पीने के पानी में गंदगी मिली रहती है। वहीं गर्दनीबाग और सिटी एरिया की हालत और खराब है। दर्जनों मुहल्लों में सप्लाई वाटर में फोर्स नहीं है इससे पानी की धार पतली है। कई जगहों पर पाइप में ही नल लगा कर पानी का मिसयूज किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive