- पिंजरे में बंद बकरी भी कर रही तेंदुए का इंतजार

- आरवीसी के जंगल और आसपास के क्षेत्र का दौरा

Meerut : तेंदुए को लेकर शहर में जोर का शोर था। आज से नौ दिन पहले तेंदुआ सदर बाजार में लकड़ी की टाल में दिखा। इसके बाद वह अस्पताल में और फिर गायब हो गया। डब्ल्यूटीआई और वन विभाग की टीम लगातार तेंदुए की खाक छान रही है। लेकिन उसका कुछ सुराग नहीं लगा। कैंट एरिया में तेंदुए का शोर मचा, फिर वह जंगल की ओर गया। इसके बाद आरवीसी के पास जंगल में तेंदुए को देखा गया। मामेपुर गांव के पास वन विभाग ने पिंजरा भी लगाया। साथ ही एक पिंजरा आरवीसी के पास भी लगाया गया। लेकिन तेंदुआ हाथ नहीं आया।

ऐसे शुरू हुआ तेंदुए का तमाशा

रविवार ख्फ् फरवरी को शुरू हुई तेंदुए की कहानी खत्म होने की नाम नहीं ले रही है। आबूलेन के पास लकडि़यों की टाल से निकलकर तेंदुआ पब्लिक से बचते हुए भागकर कैंटोनमेंट बोर्ड के अस्पताल में घुस गया था। यह तेंदुआ रात के करीब एक बजे सभी को चकमा देकर सीमेंट की जाली तोड़ते हुए भाग निकला। इसके बाद सोमवार की भोर में यह तेंदुआ आबूलेन में कॉम्पलेक्स में देखा गया। मंगलवार को भी तेंदुए के निशान खोजे गए। आखिर में आर्मी एरिया के बाहरी इलाके में मामेपुर गांव के पास तेंदुए की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद वन विभाग टीम ने उसको पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए थे।

ये भी पहुंचे

आरवीसी के जंगलों में तेंदुए की मौजूदगी को लेकर सोमवार को व‌र्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) दिल्ली से टीम मेरठ पहुंची। उन्हें वन विभाग के अधिकारियों ने आरवीसी सेंटर और आसपास के गांवो में घुमाया। सभी टीमें कैंट के आसपास के गांव और मवाना रोड पर छानबीन करती रहीं। तेंदुए के बारे में पूछताछ भी की। कहीं से कोई सूचना नहीं मिली। डीएफओ का कहना है कि रोज की तरह आज कहीं से भी तेंदुए के निशान देखने को नहीं मिले। वहीं आरवीसी के पास पिंजरे में बंधी बकरी भी अपने खाए जाने का इंतजार कर रही है। लेकिन तेंदुआ ना जाने कहां चला गया।

हमारी टीम और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के एक्सपर्ट ने आरवीसी क्रॉस कंट्री क्षेत्र और आसपास के इलाके का दौरा किया, लेकिन तेंदुए का कुछ पता नहीं चला। ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि तेंदुआ यहां से जा चुका है, फिर भी हमने पिंजरा रखा हुआ है। गश्त लगातार जारी रहेगी।

-सुशांत शर्मा, डीएफओ

Posted By: Inextlive