- शहर को तीन दिन तक सिनेमा के विविध रंग दिखा जागरण फिल्म फेस्टिवल संपन्न

- मधुमती, गुलाब गैंग, कटियाबाज व फिश एंड चिप्स का दर्शकों ने लिया सपरिवार लुत्फ

मेरठ : शहर को तीन दिन तक सिनेमा के विविध रंगों से रूबरू कराते हुए जागरण फिल्म फेस्टिवल रविवार को अपने अंजाम तक पहुंचा। मेरठ ने भी रविवार के अवकाश को भुनाते हुए फिल्म फेस्ट का सपरिवार आनंद उठाया। इस दौरान लोगों ने मधुमती के जरिए ओल्ड इज गोल्ड को महसूस तो किया ही, साथ ही गुलाब गैंग व कटियाबाज जैसी प्रयोगधर्मी फिल्मों ने छेड़छाड़ और बिजली कटौती के दंश से उन्हें झकझोरा।

पसंद आई कटियाबाज

फिल्म फेस्ट का अंतिम दिन पूरी तरह फिल्मी परदे के ही नाम रहा। आखिरी दिन मधुमती, गुलाब गैंग, फिश एंड चिप्स और कटियाबाज की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान कटियाबाज के निर्देशक फहाद मुस्तफा और दीप्ति कक्कड़ भी मौजूद रहे। दर्शकों ने दोनों से एक एंटरटेनिंग डॉक्यूमेंट्री बनने के पीछे की कहानी को जाना। समारोह की शुरुआत हुई बिमल रॉय की फिल्म मधुमती से। 11 बजे से पहले ही हॉल खचाखच भर गया। पुनर्जन्म पर देश की पहली फिल्म का लोगों ने भरपूर मजा लिया। लोगों ने कहा जागरण ने इतनी पुरानी क्लासिक फिल्म दिखाकर उस दौर की याद ताजा कर दी।

गुलाब गैंग का जादू

इसके बाद माधुरी कि फिल्म गुलाब गैंग परदे पर दिखाई गई। माधुरी और जूही की सियासी वार से लबरेज फिल्म को देखने महिलाओं की खासी तादात पीवीएस मॉल पहुंची। ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। कई देशों में खासा नाम कमा चुकी साइप्रस की ग्रीक भाषा में बनी फिल्म फिश एंड चिप्स ने भी दर्शकों का मनोरंजन किया। फिश एंड चिप्स साइप्रस सिनेमा की कलात्मक फिल्मों का प्रतिनिधित्व करती है। विदेशी फिल्म के शौकीन दर्शकों ने इसका भी लुत्फ लिया। फिल्मों की खुमारी और फेस्टिवल का जोश लोगों पर कुछ इस कदर हावी हुआ कि सीट न मिलने के बावजूद दर्शक जहां जगह मिली वहां खड़े-खड़े फिल्म देखते रहे और टस से मस नहीं हुए।

आखिरी सेशन में कटियाबाज की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें निर्देशक दीप्ति कक्कड़ और फहाद भी मौजूद रहे। लगातार चली आ रही बिजली चोरी और कटौती की समस्या किस तरह एक फिल्म की दशा तय करती है, ये विषय बेहद माकूल रहा और दर्शकों ने भी इससे काफी जुड़ाव महसूस किया। फिल्म की निर्माता दीप्ति ने लोगों से इस डाक्यूमेंट्री के पीछे की कहानी और अपने अनुभव लोगों से साझा किए।

Posted By: Inextlive