Meerut : 'कोई कुछ बोलकर तो देखे अब हम जवाब देंगे. समाज को बता देंगे कि नारी अब अबला नहीं है बल्कि दुर्गा शक्ति है'. इन शब्दों में सिमटे हैं महिलाओं के इमोशन. दामिनी का नाम आते ही एक साल पुराना दिल्ली का भयावह मंजर सभी के दिलों में ताजा हो जाता है. आई नेक्स्ट ने शनिवार को इस्माईल डिग्री महिला कॉलेज में महिला सुरक्षा पर 'दामिनी के जज्बे को सलाम' सेमिनार का आयोजन किया तो सभी ने बदमाशों को मुंहतोड़ जवाब देकर दामिनी को श्रद्धांजलि देने की बात की.


दामिनी हमेशा याद रहेगीकार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज की प्रिंसीपल डॉ। इंदु शर्मा ने कहा कि पिछले साल दामिनी के केस के बाद एक साल में न जाने कितनी ही दामिनी अखबार में छपी हैं, जो समाज की नारी शक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। इसलिए हमें अब यह साबित करना होगा। नारी अबला नहीं, अब दुर्गा शक्ति है। डॉ। शिवाली अग्रवाल ने कहा कि हम दामिनी हमारे मस्तिष्क में आज भी अंकित है। दामिनी भारतीय समाज की मानसिकता को झकझोरने वाली शक्ति के रूप में हमेशा याद रहेगी। जुवेनाइल एक्ट में विरोधाभास


इस दौरान छात्राओं ने महिला सुरक्षा के खिलाफ अपने तीखी प्रतिक्रियाएं देते हुए इस तरह के अपराधों के विरुद्ध जंग का ऐलान किया। छात्राओं का कहना था कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए हम अब खुद ही सामने आएंगी। कोई कुछ बोलकर तो देखे मुंहतोड़ जबाव मिलेगा। इस दौरान एडवोकेट राज कुमार ने कहा हमारा जुवेनाइल एक्ट काफी विरोधाभासी है, क्योंकि हमारे जुवेनाइल एक्ट में अपराधी की उम्र का ही ख्याल किया जाता है। जबकि केवल उम्र देखकर फैसले देने का कोई औचित्य नहीं है। यह भी देखना जरुरी है कि अपराधी का अपराध कितना बड़ा है।असली शक्ति मन की शक्ति

डॉ। पूनम देवदत्त ने कहा कि नारी सुरक्षा के लिए भले ही आत्मरक्षा के गुर जरुरी हो पर असली शक्ति तो मन की शक्ति होती है। हम आत्म-विश्वासी नहीं होंगे, तो हम कितने ही अभियान चला लें तब भी कुछ नहीं हो सकता। इसी बीच छात्राओं द्वारा अपने सवालों पर विचार विमर्श किया। सेमिनार में परिचर्चा के दौरान रश्मि की 'पंक्ति आप कुछ कहें तो सही अब हम बताएंगी' सुनते ही सभागार में तालियां गूंजने लगीं। कॉलेज की सभी छात्राओं में नारी सुरक्षा को लेकर काफी जागरुकता दिखाई दी।संजय ने दिए सेल्फ डिफेंस के टिप्ससेमिनार के दौरान उपस्थित इंटरनेशनल वुशू कोच संजय हल्द्वानी और इंटरनेशनल चैंपियनशिप मेडलिस्ट नेहा कश्यप ने छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रिक्स सिखाई। क्या क्या बताई ट्रिक्स फ्रंट पंच : फ्रंट पंच जो सामने का पंच होता है। इस पंच से मुंह और नाक घायल होने के साथ ही खून बहना शुरु हो जाता है।हुक पंच : इस पंच से हाथ का मुक्का बनाकर पंच किया जाता है। वार करने पर कान का पर्दा फट जाता है और सामने वाला चक्कर तक खाकर गिर जाता है। किक : थाई पर किक लगते ही व्यक्ति नीचे गिरेगा, क्योंकि थाई काफी कमजोर होती है।

चेस्ट किक : इस किक को मारने से  पेट में काफी तेज दर्द होता है। फेस किक : से पूरा का पूरा जबड़ा बाहर आ जाता है। थ्रो : थ्रो जो नीचे से उठाकर फेंकने के लिए होती है। इसे हवा में उठाकर फेंकने के काम आता है। - यदि दोनों हाथों से एक साथ दोनों कान पर थप्पड़ मारे जाते हैं तो कान बहरा हो जाता है और पूरा सिर घुम जाता है। - हाथों की बंद मुट़ठी से थप्पड़ मारे तो वो हुक किक का ही काम करेगा।

Posted By: Inextlive