Agra: होली खेलें और एक-दूसरे को रंगों से सराबोर भी करें पर याद रहे कि इस रंग में केमिकल कलर्स शामिल न हों. वजह होली की खुमारी तो कुछ दिन में उतर जाती है लेकिन रंग अपना आसानी से पीछा नहीं छोड़ते. रंगों में मिले केमिकल्स स्किन इंफेक्शन और हेयर लॉस की सौगात दे जाते हैं जो लंबे समय तक परेशान कर सकते हैं. अगर आपको इन सब परेशानियों से बचना है तो बेहतर है कि ड्राई और हर्बल होली खेलें.


Chemical's की भरमार


सिंथेटिक कलर्स में मौजूद केमिकल्स स्किन और हेयर पर हार्श होते हैं। यहां तक कि गुलाल भी सेफ नहीं है। ग्रीन कलर में मौजूद मैलेचाइट और मीका से हेयर फॉल की प्रॉब्लम हो जाती है। केमिकल कलर्स हेयर फॉलिकल तक पहुंचकर उसको  कमजोर कर देते हैं जिससे बाल गिरने लगते हैं। इसके साथ ही केमिकल मिले कलर्स से चेहरे की रंगत भी फीकी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। एक्सपट्र्स के मुताबिक, इरीटेंट कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस के केसेज होली के दिनों में बहुत बढ़ जाते हैं। इसका असर 48 घंटे के बाद होने लगता है। इसमें चेहरे पर दाने निकलने के साथ ही खुजली होने लगती है। चेहरा लाल पड़ जाता है, जलन भी होती है। वहीं, 10 दिन तक एर्लिजिक कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस होने के चांसेज रहते हैं। इसमें मुंह पर रेड स्पॉट पडऩे केसाथ ही सफेद दाग बन जाते हैं। वहीं कलर्स में मौजूद केमिकल से फोटो टॉक्सिक डर्मेटाइटिस हो जाती है। यह कैमिकल्स हैं खतरनाक- - ग्रीन कलर में कॉपर सल्फेट कैमिकल मिलाया जाता है। इससे आई इंफेक्शन और टेंप्रेरी ब्लाइंडनेस हो सकती है। - पर्पल कलर में क्रोमियम आयोडाइड मिक्स होता है। इससे अस्थमा और स्किन एलर्जी के चांस बढ़ जाते हैं।

- सिल्वर कलर में एल्युमिनियम क्रोमाइड होता है। इससे अस्थमा हो सकता है।- ब्लैक कलर में लेड ऑक्साइड मिले होने से लर्निंग डिसेबिलिटी वीक हो जाती है। - रेड कलर में मर्करी सल्फाइट होने से स्किन कैंसर, पैरालाइसिस और मेंटल डिसोर्डर हो सकता है। -शाइनिंग कलर्स में लेड होने से स्किन पर रेड स्पॉट और दाने हो सकते हैं। ऐसे बना सकते हैं घर पर नैचुरल कलर्स - सूखा हरा रंग बनाने के लिए आप मेहंदी का इस्तेमाल करें। मेहंदी को किसी भी तरह के आटे में मिलाकर यूज करें। इसके लिए सिर्फ प्योर मेहंदी का ही यूज करें सूखी मेहंदी चेहरे पर रंग नहीं छोड़ती।-दो टी स्पून हल्दी को चार टी स्पून बेसन में मिलाकर सूखा पीला रंग बना सकते हैं।-बाजार में सूखे टेसू के फूल मिलते हैं। 100 ग्राम फूलों दस लीटर पानी में डालकर रात भर भीगने दें। जब इसको यूज करें तो इसमें कम से कम दस लीटर ही पानी और मिलाकर यूज करें।-रक्त चंदन पाउडर बहुत अच्छा लाल रंग होता है। आप चाहें तो इसमें गेंहू का आटा मिलाकर यूज करें -जाकारंदा के फूल डीप ब्लू कलर के होते हैं। इन्हें सूखाकर क्रश करें और ब्लू कलर की तरह यूज करें।

-काली गाजर, शलजम को सुखा कर मिक्सी में ग्रैंड कर लें। मेजेंटा कलर तैयार है।-हरसिंगार के सूखे हुए फूलों को बारीक क्रश करके उसमें गेहूं का आटा मिलाकर यूज करें। सेमल के फूल की पत्तियों को पानी में रात भर भिगो दें। सुबह छानकर यूज करें

Posted By: Inextlive