23 अगस्त को जागरण ने किया था खुलासा, 24 को हुआ था सस्पैंड

अब चल रही है साक्ष्य देने की लड़ाई, पत्राचार में उलझा रहे हैं जांच

फीरोजाबाद : अगस्त माह में टूंडला में शिक्षकों से वसूली की जांच कागजी लड़ाई में उलझ कर रह गई है। आरोपी एनपीआरसी के खिलाफ साक्ष्य विभाग के पास हैं, लेकिन जांच की प्रक्रिया इतनी लंबी हो गई है कि अभी तक आरोप पत्र का जवाब तक विभाग को नहीं मिल सका है। आरोपी द्वारा साक्ष्य मांगे जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है इसके जवाब में विभाग पत्र भेजकर एक बार तिथि भी मुकर्रर कर चुका है एवं इस तिथि को एनपीआरसी ने दफ्तर में हाजिरी भी लगाई, लेकिन साक्ष्य नहीं लिए। इसके बाद फिर से एक पत्र भेज दिया है। जांच के नाम पर कागजी खतों का यह लेन-देन कहीं आरोपी को भविष्य में बचाव का मौका देने का प्रयास तो नहीं।

मामला टूंडला ब्लाक के ठार बल्दी स्कूल का है। निरीक्षण की रिपोर्ट के नाम पर एक एनपीआरसी ने स्कूल के प्रधानाध्यापक से 2000 रुपये फोन पर मांगे थे। इसके बाद में सौदा 1500 रुपये पर तय हुआ था। एनपीआरसी स्कूल में रुपये लेने पहुंचा तो इसकी वीडियो क्लि¨पग गुरुजी ने बना ली। इस क्लि¨पग में बाकायदा एनपीआरसी को निरीक्षण रिपोर्ट बदलने की बात करते हुए दिखाया गया था। 1500 रुपये लेते वक्त एनपीआरसी का फोन आ जाने एवं 500 रुपये लेकर चले जाने का वीडियो भी इसमें है।

इस मामले की जांच शुरु करा दी। विभाग के पास में फोन कॉल की रिकॉर्डिंग के साथ में वीडियो क्लि¨पग भी है, लेकिन अभी तक इसकी जांच पूरी नहीं हो सकी है। साढ़े तीन माह बाद भी जांच के नाम पर अभी कागजी प्रक्रिया चल रही है। बताया जाता है पहले आरोपी को आरोप पत्र निर्गत होने में ही काफी देर की गई। इसके बाद में अब आरोपी द्वारा साक्ष्य की मांग करते हुए इस जांच को अटकाया जा रहा है। बताया जा रहा है पूर्व में आरोपी ने साक्ष्य मांगने के लिए पत्र विभाग को दिया। इस पत्र का जवाब देते हुए विभाग ने तिथि मुकर्रर कर आरोपी को बुलाया, लेकिन आरोपी ने उस दिन साक्ष्य प्राप्त नहीं किए। इसके बाद में आरोपी द्वारा विभाग को फिर से पत्र लिखकर साक्ष्य की मांग की है। सवाल यह भी है आरोप पत्र के साथ में साक्ष्य क्यों नहीं दिए गए।

डायरेक्टर तक मामला पहुंचने पर दिया आरोप पत्र :

विभागीय सूत्रों की माने तो आरोप पत्र न देने का मामला डायरेक्टर तक भी पहुंच गया था। समाजसेवी विनोद यादव ने इस मामले की शिकायत डायरेक्टर से की। इसके बाद में डायरेक्टर ने एडी बेसिक को निर्देश दिए। इस मामले में एडी बेसिक ने भी विभाग को पत्र भेजा। वहीं जांच के संबंध में जानकारी सूचना का अधिकार के तहत मांगने के बाद भी सूचनाएं नहीं मिल सकी हैं। बताया जाता अपीलीय अधिकारी एडी बेसिक ने भी इस संबंध में विभाग को पत्र लिखा है।

खुले रुपये की आड़ लेने का प्रयास :

सूत्रों की माने तो आरोपी एनपीआरसी द्वारा खुद को बचाने के लिए खुले रुपये की आड़ लेने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि वीडियों में एक पांच सौ रुपये का नोट एनपीआरसी ने हाथ में पकड़ा है। ऐसे में संबंधित शिक्षकों से कहा जा रहा है आप कह दीजिए कि हमने पांच सौ रुपये के खुले दिए थे तथा वही 500 रुपये एनपीआरसी को दिए हैं। हालांकि वीडियो में जो बातचीत है वो इतनी स्पष्ट है, इससे बचाव का ज्यादा मौका नहीं मिलेगा। माना जा रहा है यही वजह है जांच की प्रक्रिया में देरी हो रही है। अगर मामला इतना स्पष्ट नहीं होता तो अब तक तो इसमें रिपोर्ट लग चुकी होती।

Posted By: Inextlive