- शस्त्र विभाग की तरफ से शुरू हुई आवेदन फॉर्म छपाई प्रक्रिया

- सीएमओ की रिपोर्ट के साथ मानसिक रूप से स्वस्थ होने का देना होगा सर्टिफिकेट

GORAKHPUR: अगर शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने की सोच रहे हैं तो इससे पहले अपनी मेंटल फिटनेस जांच करा लीजिए। क्योंकि मानसिक रूप से कमजोर लोगों को शस्त्र लाइसेंस दिया ही नहीं जाएगा। बता दें, नए शासनादेश के मुताबिक, एक तरफ जहां शस्त्र लाइसेंस के आवेदन फॉर्म से लगाए फीस तक महंगी कर दी गई है। वहीं, आवेदक की मानसिक स्थिति को देखने के लिए उसकी मेंटल फिटनेस जांच को भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए शस्त्र विभाग द्वारा जो आवेदन फार्म दिया जाएगा उसमें मेडिकल रिपोर्ट के लिए दिए गए प्रारूप के बिंदुओं पर जांच करानी होगी। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से शस्त्र विभाग को निर्देश भी जारी कर दिया गया है।

आज फाइनल होगा फॉर्म छपाई का टेंडर

बता दें, जिला प्रशासन की तरफ से गोरखपुर जनपद में शस्त्र लाइसेंस के आवेदन के लिए चार हजार आवेदन फॉर्म छपाई के लिए टेंडर निकला है। तीन प्रिंटिंग प्रेस ने टेंडर भी डाला है। असलहा बाबू राम सिंह ने बताया कि सबसे लोओस्ट प्राइस वाले का टेंडर फाइनल होगा। इसके लिए 22 नवंबर को डीएम स्वीकृति भी देंगे। आवेदन फॉर्म छपाई के लिए जो शर्ते है उनपर प्रिंटिंग प्रेस वाले को लागू भी करना होगा। वहीं जो लोग आवेदन प्रक्रिया के लिए लाइन में लगे हुए हैं, उन्हें भी इस बार अपने मेडिकल रिपोर्ट में मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए जो प्रारूप दिए गए हैं। उसे भरवाना अनिवार्य होगा। जिला प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, पब्लिक की सेफ्टी के लिए शस्त्र लाइसेंस इश्यू किया जाता है। लेकिन, सिटी में भी कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें हथियार का इस्तेमाल आवेश में या फिर गुस्से में किया गया। जिसमें असलहा चलाने वालों ने अपना दिमागी संतुलन खो दिया और बिना जरूरत के हथियार चला बैठे। इसीलिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासनस्तर पर आयुध नियमावली में बदलाव करते हुए मेंटल स्टेट्स की जांच को कंप्लसरी कर दिया गया है।

2-3 बार में पूरा होता है टेस्ट

क्राइम रिसर्च के मुताबिक, लाइसेंसी शस्त्र से स्कूलों, मॉल और पब्लिक प्लेसेज में गोलियां चलाने वाले 95 परसेंट लोग मानसिक रोग से ग्रस्त थे। मनोचिकित्सक डॉ। अमित शाही बताते हैं कि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए 45 मिनट का एक टेस्ट होता है। 2 से 3 बार में यह टेस्ट पूरा होता है। टेस्ट के लिए सेट ऑफ क्वेश्चनायर होता है, जिसमें कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें व्यक्ति की सहनशीलता, पर्सनॉल्टी, कुंठाग्रस्त, गुस्सैल और भावनात्मक रूप से कैसा है इसकी जांच की जाती है। कई राउंड की काउंसलिंग के बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जाता है।

इस बिंदुओं पर होगा आवेदक का टेस्ट

- बाई पोलर डिस्ऑर्डर

इस डिस्आर्डर में रोगी भावनात्मक रूप से बीमार होता है। इसमें व्यक्ति पल भर में कोई फैसला ले लेता है।

बॉर्डर लाइन पर्सनॉलिटी

इसमें व्यक्ति काफी गुस्सैल होता है और वह काफी होशियार भी होता है। वह बेहद प्लानिंग के साथ किसी वारदात को अंजाम देता है।

मेजर डिप्रेशन

इस प्रकार के रोगी खुद को मारने से पहले अपने परिवार या बेहद करीबी को मारते हैं और इसके बाद खुद को मार लेते हैं।

एंटी सोशल डिस्ऑर्डर

इसमें रोगी सोशल न होकर काफी अकेला रहना पसंद करता है। वह छोटी-छोटी बात पर इरीटेट हो जाता है।

केवल ये ही लोग कर सकेंगे आवेदन

- अपराध पीडि़त

- वरासतन

- व्यापारी व उद्यमी

- बैंक कर्मी व वित्तीय कर्मचारी

- ऐसी कर्मी जो प्रवर्तन कार्य करते हैं

- सैनिक, अर्धसैनिक व पुलिस बल

- विधायक, सांसद, व एमएलसी

- स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल निशानेबाज

फैक्ट फाइल

जिले भर में कुल असलहाधारी - 21,010

आवेदन फॉर्म छपाई के लिए आवेदन फार्म संख्या - 4,000

शस्त्र आवेदन फॉर्म का रेट - 500 रुपए (ऑल कैटेगरी)

वर्जन

शस्त्र लाइसेंस में आवेदन प्रक्रिया के दौरान मेडिकल रिपोर्ट देनी होगी। मेडिकल रिपोर्ट में मेंटल फिटनेस रिपोर्ट भी शामिल होती है। यह देना अनिवार्य है। इसके लिए जो प्रारूप है उसमें दिए गए मुख्य बिंदुओं पर जांच होगी। उसे सबमिट करना अनिवार्य होगा।

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम

Posted By: Inextlive