अपर न्यायायुक्त एसपी दुबे की अदालत ने सोमवार को जहरीली शराब कांड की सुनवाई करते हुए शराब फैक्ट्री संचालक प्रहलाद सिंघानिया उर्फ सिंधिया व उसके सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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RANCHI अपर न्यायायुक्त एसपी दुबे की अदालत ने सोमवार को जहरीली शराब कांड की सुनवाई करते हुए शराब फैक्ट्री संचालक प्रहलाद सिंघानिया उर्फ सिंधिया,जैप हवलदार गौतम थापा और दुकानदार इंद्रभान थापा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को दो साल की अतिरिक्त सजा काटने का आदेश दिया गया है।

मृतक के आश्रितों को जुर्माने की राशि
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जुर्माने की राशि मृतक के आश्रितों को दी जाय। वहीं इस मामले के अन्य अभियुक्त उमेश गुरुंग को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह मामला सुखदेव नगर थाने में दर्ज था। जहरीली शराब से मौत के पांच अलग-अलग मामले दर्ज हुए थे। सितंबर 2017 में जहरीली शराब से रांची में 22 लोग की मौत हो गई थी। सभी मामलों में अलग-अलग थानों में कांड दर्ज है। अन्य मामलों में अभी फैसला आना बाकी है।

माफी का नहीं मिलेगा लाभ
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूरे मामले को देखने से पता चलता है कि अभियुक्तों को पता था कि शराब में मिथनौल नाम का जहर है, जिससे किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है। अभियुक्तों ने पैसे कमाने के लालच में ऐसा घृणित कार्य किया है। आरोपी खुद को निर्दोष साबित नहीं कर सके। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मौके विशेष पर कैदियों की सजा कम करने या माफ करने से संबंधित लाभ इन तीनों सजायाफ्ता अभियुक्तों को नहीं मिलेगा।

2 सितंबर 2017 की घटना, 22 की हुई थी मौत
करम पर्व के मौके पर 2 सितंबर 2017 की रात अवैध शराब कारोबारी प्रहलाद सिंघानिया ने रांची के बाजार में नकली शराब की एक बड़ी खेप उतारी थी। इस जहरीली शराब का सेवन कर 22 से ज्यादा लोग की मौत हो गई थी। मरनेवालों में जैप के चार जवान भी शामिल थे। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि जहरीली शराब की यह खेप सिंघानिया बंधुओं द्वारा बाजार में परोसी गई थी। इसके बाद रांची के नामकुम, सुखदेवनगर और डोरंडा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

4 अक्टूबर 2017 को धराया था प्रह्लाद
अवैध शराब कारोबारी प्रहलाद सिंधिया 4 सितंबर 2017 से ही फरार था। पुलिस को चकमा देकर वह ठिकाना बदल-बदलकर रह रहा था। चार अक्तूबर 2017 को पुलिस को सूचना मिली थी कि सिंघानिया जमशेदपुर में छुप कर रहा है। वहां पुलिस की टीम पहुंची और उसे दबोच लिया।

सिंघानिया ब्रदर्स पर दर्ज हैं कई केस
सिंघानिया ब्रदर्स पिछले 20 वर्षो से रांची में अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। सिंघानिया के अवैध शराब कारोबार की खबर पुलिस को रहने के बावजूद उसका काला धंधा जारी था। जहरीली शराब की खेप उतारे जाने से हुई मौतों के बाद धंधे पर विराम लगा और वह पकड़ा गया। सिंघानिया के खिलाफ अवैध शराब के कारोबार का पहला मामला 2005 में दर्ज हुआ था।

Posted By: Inextlive