कमांडो में अपने एक्‍शन से धूम मचा चुके विद्युत जामवाल लगातार मेहनत करने में बिलीव करते हैं उनका मानना है कि बॉलिवुड में कुछ भी परमानेंट नहीं है आपको लगातार काम करना होता है और अचीवमेंट पाने के लिए कोशिश करते रहना पड़ता है.

हाल ही में विद्युत जामवाल से हुई बातचीत के दौश्रान वो काफी अच्छे मूड में थे. उन्होंने खुल कर अपने करियर, एक्शन और मार्शल आर्ट से बॉलिवुड में जगह बनाने में मिली हेल्प के बारे में बात की.
Pros and cons
नार्मली, मुझे किसी भी चीज से कोई दिक्कत महसूस नहीं होती है. स्टारडम की जो बात मुझे सबसे अच्छी लगती है वह यह है कि ये आपको खुद के बारे में ज्यादा अवेयर बनाता है. यह आपको चैलेंज करता है कि आप अपनी लिमिट्स क्रॉस करते हुए काम करें, वैसे मैं लोगों की अटेंशन पाना काफी एंज्वॉय करता हूं (हंसते हुए). साथ ही साथ, यह भी जरूरी हो जाता है कि आपके पैर जमीन पर टिके रहें और आप उन चीजों के लिए तैयार रहें जिनके बारे में कभी सोचा भी नहीं है.
Director's cut
मैं खुश हंू कि मुझे राज जी (राजकुमार संतोषी) की मूवी का हिस्सा बनने का मौका मिला है. वह ना सिर्फ एक काबिल डायरेक्टर हैं और स्टोरीटेलर हैं बल्कि बहुत अच्छे इंसान भी हैं. तिग्मांशू (धूलिया) के साथ काम करना भी उतना ही रिवॉर्डिंग एक्सपीरियंस रहा है. वह कंट्री के सबसे बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक हैं. मैंने कमांडो 2 पर भी काम करना शुरू कर दिया है और अभी तक सब कुछ सही चल रहा है.

Kicking butt
स्क्रीन पर एक्शन दिखा पाना और इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाना हमेशा से ही मेरा फोकस और फैसिनेशन रहा है. इंडिया बॉलीवुड सबसे बड़ा प्लैटफॉर्म है. बॉलीवुड मूवीज में एक्शन काफी होता है और इसे दुनिया के हर कोने में देखा जाता है. मैं प्राउड फील करता हूं कि मैंने ऐसे वक्त में बॉलीवुड में एंट्री ली है जब यहां की मूवी को पूरी दुनिया में रिकग्नाइज किया जा रहा है. मैं क्लिंट ईस्टवूड के साथ काम करना चाहता हूं और इसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं. एक्शन मूवीज के मामले में वह एक लेजेंड हैं.
No fear of stereo-typing
मुझे एक्शन और इसके सभी स्टाइल पसंद हैं, फिर चाहे वह एक्शन ड्रामा हो, एक्शन कॉमेडी हो या एक्शन रोमांस ही क्यों ना हो. मुझे लगता है कि एक्शन मूवीज का दौर कभी खत्म नहीं होगा. अगर एक हीरो को मूवी में किसी हीरोइन को बचाना है तो उसे फाइट तो करनी ही पड़ेगी, है कि नहीं? (हंसते हुए). एक्शन मूवीज का मतलब बेवजह की जाने वाली फाइट नहीं होती है, उनमें इंटैलिजेंट स्टोरीज भी हो सकती हैं. अजय देवगन, अक्षय कुमार, सनी देओल या जॉन अब्राहम, मुझे ये सभी पसंद हैं. हालांकि मैं इनमें से किसी के करियर को फॉलो नहीं करना चाहूंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इन लोगों ने भी कभी एक-दूसरे को फॉलो किया होगा. मैं मेहनत से काम करूंगा और अपनी किस्मत खुद बनाऊंगा.

Disciplined approach  
मेरी मार्शल आट्र्स ट्रेनिंग ने मुझे जमीन से जुड़े रहने में, काम को लेकर कमिटेड रहने में और एम्बीशियस बने रहने में हेल्प की है. मुझे याद है कि छह साल की एज में, फाइट टेक्नीक सीखते वक्त, मुझे अपने से ज्यादा वेट उठाने को कहा जाता था और मैं उन लोगों को कॉम्पिटीशन देेता था जो दिखने में मुझसे स्ट्रॉन्ग और टफ लगते थे. कॉम्बैट आपको सिखाता है कि कभी खुद को या अपने अपोनेंट को अंडरएस्टिमेट ना करें. आपकी डिटरमिनेशन ही आपको आगे लेकर जाती है. मेरा मार्शल आट्र्स बैकग्राउंड मुझे एक रिस्पेक्टफुल और कमिटेड लाइफ जीने में हेल्प करता है, पर्सनली भी और प्रोफेशनली भी.

Posted By: Kushal Mishra